पुतिन का आदेश; इस दिन थम जाएगा रूस-यूक्रेन जंग! बातचीत को भी तैयार, बस यूक्रेन मान ले ये बात

लंबे समय से जारी रूस-यूक्रेन जंग को कुछ दिन रोकने के लिए पुतिन ने ऐलान किया है. रूस ने यूक्रेन से भी इसी तरह का कदम उठाने की अपील की है, साथ ही चेतावनी दी है कि उल्लंघन पर जवाबी कार्रवाई होगी. रूस बातचीत के लिए भी तैयार है, हालांकि इसके लिए कई कड़ी शर्त भी रखी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 28, 2025, 07:05 PM IST
  • पुतिन ने विक्ट्री परेड तक युद्धविराम का दिया आदेश
  • रूस ने बातचीत के लिए कब्जाए इलाकों की मान्यता मांगी
पुतिन का आदेश; इस दिन थम जाएगा रूस-यूक्रेन जंग! बातचीत को भी तैयार, बस यूक्रेन मान ले ये बात

पिछले तीन साल से रूस-यूक्रेन जंग को रोकने की तमाम कोशिशें की गई. हालांकि कोई भी कोशिश सफल नहीं हुई. ऐसे में पुतिन जंग रोकने को लेकर एक ऐसा ऐलान कर दिया कि पूरी दुनिया चौंक उठी है. खबर है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में 8 से 10 मई तक 72 घंटे के युद्धविराम का आदेश दिया है. यह कदम रूस के विजय दिवस समारोहों के अवसर पर उठाया गया है. क्रेमलिन ने उम्मीद जताई है कि यूक्रेन भी इसी तरह का आदेश देगा. हालांकि, रूस ने चेतावनी दी है कि युद्धविराम के उल्लंघन पर सख्त प्रतिक्रिया दी जाएगी. साथ ही, रूस ने शांति वार्ता के लिए शर्त भी रखी है.

विजय दिवस पर रूस का युद्धविराम ऐलान
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने यूक्रेन में 8 से 10 मई तक 72 घंटे के युद्धविराम का आदेश दिया है. यह आदेश द्वितीय विश्व युद्ध में विजय दिवस (Victory Day) की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर दिया गया है. क्रेमलिन ने बयान जारी कर कहा कि इस दौरान सभी युद्धक गतिविधियां रोक दी जाएंगी और उम्मीद जताई कि यूक्रेन भी इसी तरह का आदेश जारी करेगा.

पिछले महीने ईस्टर के अवसर पर भी रूस ने अस्थायी युद्धविराम का ऐलान किया था, जिसे दोनों पक्षों ने कई बार उल्लंघन किया. फिर भी उस दौरान संघर्ष में कुछ कमी देखने को मिली थी. इस बार भी रूस ने साफ कर दिया है कि अगर यूक्रेन ने युद्धविराम का उल्लंघन किया, तो उसका जवाब ‘उचित और प्रभावी’ तरीके से दिया जाएगा.

यूक्रेन ने नहीं मानी बात, तो मुश्किल तय
हालांकि रूस ने युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इसके साथ चेतावनी भी दी है. यदि यूक्रेन इस युद्धविराम की बात नहीं मानता या उल्लंघन करता है, तो रूसी सेना कड़ी प्रतिक्रिया देगी. इस कदम से यह संकेत भी मिलता है कि रूस एक तरफ शांति वार्ता की पहल दिखा रहा है, लेकिन अपनी सैन्य तैयारी भी मजबूत बनाए हुए है.

रूस ने बातचीत के लिए भी रखी शर्त
रूस ने सोमवार को बातचीत की इच्छा जताते हुए कहा कि वह यूक्रेन के साथ सीधे वार्ता को तैयार है. हालांकि, उसने साफ कर दिया कि वार्ता तभी संभव होगी जब यूक्रेन रूस के कब्जाए क्षेत्रों को कानूनी मान्यता देगा. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ब्राजील के अखबार ‘ओ ग्लोबो’ से बातचीत में कहा कि ‘हम वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन गेंद यूक्रेन के पाले में है.’

यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी इस मांग को ‘अवैध रूप से जमीन हड़पना’ बताते हैं और इसे मानने से इनकार कर चुके हैं. यूरोपीय देशों ने चेताया है कि अगर रूस की मांगें मानी जाती हैं, तो इससे भविष्य में और आक्रामकता के लिए रास्ता खुल सकता है.

बता दें, यूक्रेन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह रूस द्वारा कब्जाए गए क्षेत्रों को कभी मान्यता नहीं देगा. जिसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसोन और ज़ापोरीजिया शामिल हैं.

क्या है जंग के बीच जमीनी हालात?
मौजूदा हालात में भी संघर्ष जारी है. हाल ही में रूस ने पूर्वी यूक्रेन के खारकीव क्षेत्र के कामियांका गांव पर कब्जा कर लिया है. इसी के साथ रूस ने अपने कंट्रोल वाले इलाकों को और बढ़ा लिया है. यूक्रेन के सुमी, कीव और क्रिवी रीह शहरों में रूसी मिसाइल हमलों से दर्जनों नागरिकों की मौत भी हुई है.

इस बीच रूस ने घोषणा की है कि उसने उत्तर कोरियाई सैनिकों की मदद से अपने कुर्स्क क्षेत्र पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इसके लिए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन का धन्यवाद भी किया. इन घटनाओं से संकेत मिलता है कि युद्धविराम के दौरान भी हालात बेहद नाजुक बने रह सकते हैं.

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