यूक्रेन तो बस झांकी, अभी पूरा यूरोप बाकी! पुतिन की टारगेट लिस्ट में क्यों बढ़ते जा रहे हैं देश?

Russia President Putin Plan on Europe: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक प्लान सामने आया है, जो बताता है कि वे महज यूक्रेन तक नहीं रुकने वाले. पुतिन यूरोप के कई अन्य देशों को भी टारगेट कर सकते हैं. पुतिन की इस योजना का खुलासा नाटो के पूर्व कमांडर ने किया है.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Mar 11, 2025, 12:09 PM IST
  • विस्तारवादी प्लान पर पुतिन काम कर रहे
  • यूरोपीय देशों को इसका अंदाजा लग गया
यूक्रेन तो बस झांकी, अभी पूरा यूरोप बाकी! पुतिन की टारगेट लिस्ट में क्यों बढ़ते जा रहे हैं देश?

Russia President Putin Plan on Europe: रूस-यूक्रेन का युद्ध चलते हुए 3 साल हो गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस युद्ध को खत्म करने के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी इस युद्ध पर विराम लगाने की इच्छा जाहिर की है. माना जा रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध अपने अंतिम दौर में है, ये जल्द ही खत्म हो सकता है. लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन महज यूक्रेन तक ही सीमित नहीं रहने वाले. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि पुतिन यूरोप के कुछ और देशों को टारगेट कर सकते हैं.

पुतिन के आगे क्या योजना है?
पुतिन के आगे की योजना का खुलासा नाटो के पूर्व कमांडर सर रिचर्ड शेरिफ ने किया. शेरिफ का दावा है कि रूस बाल्टिक देशों और रोमानिया मोल्दोवा में भी वैसी ही तबाही मचा सकता है, जैसी यूक्रेन के बूचा में मचाई. शेरिफ ने नाटो को पहले ही अलर्ट देते हुए कहा है कि इन्हें रूस से युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए. पश्चिमी देशों के अखबार में शेरिफ के दावे ने सुर्खियां बटोरी हैं.
 
यूरोप को पहले लग चुका था पुतिन के प्लान का अंदाजा 
पुतिन अपने विस्तारवादी प्लान पर बहुत तेजी से काम शुरू कर सकते हैं. यूरोपीय देशों को इसका अंदाजा लग गया है. इसके बाद से ही वे दबाव में आ गए हैं. फ्रांस ने तो रूस से बचने के लिए न्यूक्लियर छतरी बनाने का सुझाव भी पेश किया है. हाल ही में आई SIPRI की रिपोर्ट में भी ये पता चला है कि यूरोप के देश तेजी से हथियार खरीद रहे हैं.

बाल्टिक देशों पर पुतिन की नजर क्यों?
दरअसल, बाल्टिक देश (एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया) 20वीं सदी में सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करते थे. लेकिन 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद ये देश स्वतंत्र हुए और नाटो/यूरोपीय संघ में शामिल हो गए. पुतिन सोवियत गौरव को बढ़ाने की बात करते रहते हैं, अब इन देशों पर अपना प्रभाव बनाकर वे ऐसा कर सकते हैं.

पुतिन को नॉर्डिक देश का मोह क्यों?
नॉर्डिक देश (फिनलैंड और नॉर्वे) की रूस सीमा है रूस से लगती है. ये आर्कटिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं, यहां प्राकृतिक संसाधन जैसे- तेल, गैस हैं. इसके अलावा, क्लाइमेट चेंज के कारण यहां से नए व्यापारिक मार्ग खुल रहे हैं. रूस हमेशा से अपने चारों ओर 'बफर जोन' चाहता है, ताकि पश्चिमी देश उसकी सीमाओं के करीब न आ सकें.

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