Russia news: मॉस्को के शीर्ष पद पर बैठे सुरक्षा अधिकारी सर्गेई शोइगु ने चेतावनी दी है कि रूस पश्चिमी देशों की आक्रामकता का सामना करने पर परमाणु हथियार तैनात करने का अधिकार रखता है. उनकी टिप्पणियों से रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना है.
गुरुवार (24 अप्रैल) को प्रकाशित रूसी राज्य समाचार एजेंसी TASS के साथ एक साक्षात्कार में, शोइगु ने पिछले नवंबर में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अधिकृत मास्को के परमाणु सिद्धांत में हाल ही में किए गए संशोधनों का हवाला दिया, जिसमें पारंपरिक खतरों के जवाब में परमाणु विकल्पों पर विचार करने की रूस की इच्छा की ओर इशारा किया गया था.
संशोधित सिद्धांत के तहत, रूस अपने या अपने करीबी सहयोगी बेलारूस पर पारंपरिक हमले की स्थिति में परमाणु हमले को उचित ठहरा सकता है, यदि ऐसा हमला उनकी संप्रभुता या क्षेत्रीय अखंडता के लिए 'गंभीर खतरा' उत्पन्न करता हो.
शोइगु ने कहा, 'विदेशी देशों द्वारा ऐसी अमित्र कार्रवाई करने की स्थिति में जो रूसी संघ की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा पैदा करती है, हमारा देश ऐसी कार्रवाइयों को दबाने और उनकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करना वैध मानता है.' शोइगु की टिप्पणी यूक्रेन को लेकर बढ़ती तनावपूर्ण कूटनीति के बीच आई है.
अमेरिका का क्या कहना है?
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने संकेत दिया है कि अगर युद्धविराम की दिशा में प्रगति रुकी रही तो वाशिंगटन चल रही शांति वार्ता से हट सकता है.
जनवरी में अपने शपथ ग्रहण के बाद से ट्रंप ने संघर्ष के प्रति अमेरिका के दृष्टिकोण में बड़ा बदलाव दिखाया, जहांकीव को युद्ध विराम समझौते के लिए दबाव डाला गया है, जबकि साथ ही रूस पर राजनयिक दबाव को कम किया है.
इस बदलाव ने यूरोप में यूक्रेन के सहयोगियों के बीच चिंता बढ़ा दी है और रूसी आक्रामकता को और बढ़ावा देने की आशंकाओं को बढ़ावा दिया है.
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