भारत की हवाई ताकत में रूस लगाएगा चार चांद, दुश्मन भी हमला करने से पहले 100 बार सोचेगा!  

Viking and TOR-M2U: रूस की वाइकिंग (Buk-M3) और टॉर-एम2यू वायु रक्षा प्रणालियां भारत की सुरक्षा को मजबूत कर सकती हैं. ये दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल और लड़ाकू विमानों को रोकने में सक्षम हैं, जिससे भारत की वायु रक्षा और प्रभावी होगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 11, 2025, 02:20 PM IST
  • वाइकिंग किमी तक मिसाइल गिरा सकता है
  • टॉर-एम2यू ड्रोन नष्ट करने में भी सक्षम
भारत की हवाई ताकत में रूस लगाएगा चार चांद, दुश्मन भी हमला करने से पहले 100 बार सोचेगा!  

Viking and TOR-M2U:  भारत अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लगातार नए और उन्नत हथियारों की तलाश कर रहा है. बदलते सुरक्षा माहौल को देखते हुए भारत को ऐसे आधुनिक रक्षा सिस्टम की जरूरत है, जो दुश्मन के किसी भी हवाई हमले को रोक सकें. इसी कड़ी में रूस की वाइकिंग (Buk-M3) और टॉर-एम2यू (TOR-M2U) वायु रक्षा प्रणालियां चर्चा में है. ये दोनों सिस्टम हवा में आने वाले मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और ड्रोन को रोकने में सक्षम माने जाते है.

वाइकिंग (Buk-M3)
वाइकिंग, जिसे Buk-M3 भी कहा जाता है, रूस की एक आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली है. यह एक साथ 100 से ज्यादा लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और जरूरत पड़ने पर उन्हें नष्ट भी कर सकता है. यह क्रूज मिसाइलों को 45 किलोमीटर तक और लड़ाकू विमानों को 70 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक मार गिराने की क्षमता रखता है. इसकी तेज गति और सटीक निशाने के कारण इसे दुनिया की सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों में गिना जाता है.

टॉर-एम2यू (TOR-M2U)
टॉर-एम2यू कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली है, जो तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम है. यह खासतौर पर उन हमलों को रोकने के लिए बनाई गई है जो बहुत कम समय में किए जाते है. इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुश्मन की मिसाइलों और ड्रोन को कुछ ही सेकेंड में ट्रैक कर नष्ट कर सकती है. 

भारत को मिलने वाले फायदे
अगर भारत इन दोनों प्रणालियों को अपनाता है, तो यह देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम होगा. इससे वायु रक्षा मजबूत होगी और दुश्मन के हवाई हमले रोके जा सकेंगे. ये उन्नत तकनीकें भारतीय सेना की क्षमताओं को बढ़ाएंगी, और रणनीतिक स्थिति को और मजबूत करेंगी.

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