सूर्य के पोल से निकला 'पृथ्वी से दोगुना बड़ा विस्फोट', कभी नहीं देखी होंगी ऐसी तस्वीरें

वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य की ऐसी तस्वीरें पहले कभी नहीं आई हैं. सूर्य के करीब उड़ान भरने वाले अंतरिक्ष यान सोलर ऑर्बिटर ने 26 मार्च को ये तस्वीरें खींची हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 19, 2022, 01:54 PM IST
  • तस्वीरें देखने पर लगता है कि सूर्य की सतह पर लगातार विस्फोट हो रहे हैं
  • 15,000 मील तक फैले 'स्पाइक्स' के पैच को 'हेजहोग' कहा गया है
सूर्य के पोल से निकला 'पृथ्वी से दोगुना बड़ा विस्फोट', कभी नहीं देखी होंगी ऐसी तस्वीरें

लंदन: सूर्य की नई तस्वीरें सामने आई हैं जिन्होंने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है. सूर्य के करीब उड़ान भरने वाले अंतरिक्ष यान सोलर ऑर्बिटर ने 26 मार्च को ये तस्वीरें खींची हैं. सूर्य से पृथ्वी की एक तिहाई दूरी के भीतर आने के बाद यान ने ये तस्वीरें ली हैं. 

वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य की ऐसी तस्वीरें पहले कभी नहीं आई हैं. तस्वीरें देखने पर लगता है कि सूर्य की सतह पर लगातार विस्फोट हो रहे हैं. सोलर ऑर्बिटर ने सूर्य के ध्रुव की एक रहस्यमयी घटना को कैद किया जिसके बारे में वैज्ञानिकों को कुछ नहीं पता. ध्रुव पर मौजूद यह पैच इतना बड़ा है कि इसमें दो पृथ्वी समा सकती है.शक्तिशाली फ्लेयर्स और सूर्य के पार 15,000 मील तक फैले 'स्पाइक्स' के पैच को 'हेजहोग' कहा गया है. 

क्या है हेजहोग
सूर्य की सतह से सभी दिशाओं में निकलने वाली गर्म और ठंडी गैस का अजीब गीजर जिसे वैज्ञानिकों ने "सौर हेजहोग" करार दिया है. 15,500 मील (25,000 किलोमीटर), पृथ्वी के व्यास का दोगुना, "हेजहोग" 865,000 मील (1.4 मिलियन किलोमीटर) के सूर्य के व्यास के एक छोटे से हिस्से को कवर करता है, लेकिन मिनी सोलर फ्लेयर्स की तुलना में बहुत बड़ा है, जिसे कैम्पफायर कहा जाता है.

सोलर ऑर्बिटर का तापमान 500 डिग्री पहुंचा
सोलर ऑर्बिटर का हीट शील्ड लगभग 932 डिग्री फ़ारेनहाइट (500 डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच गया, लेकिन उम्मीद के मुताबिक काम किया और अपने ऐतिहासिक पहले फ्लाईबाई के दौरान अंतरिक्ष यान की रक्षा की.

कई सौर फ्लेयर्स की एक श्रृंखला
यूके-निर्मित अंतरिक्ष यान का सूर्य के सबसे निकट का टकराव, जिसे पेरिहेलियन के रूप में जाना जाता है, 26 मार्च को हुआ, जो इसे बुध की कक्षा के अंदर ले गया, जो सूर्य से पृथ्वी से लगभग एक तिहाई दूरी पर था.

इसने 'लुभावनी' तस्वीरों की एक श्रृंखला को कैप्चर किया, जिसमें सौर ध्रुवों के दृश्य और कई सौर फ्लेयर्स शामिल हैं, जो वास्तविक समय के अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान प्रदान करते हैं. 

क्या कहते हैं शोधकर्ता
यूके स्पेस एजेंसी में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रमुख कैरोलिन हार्पर ने कहा: 'इन अविश्वसनीय छवियों और फुटेज को देखना बेहद रोमांचक है; सौर ऑर्बिटर के अब तक के सबसे नज़दीकी पास के दौरान कैप्चर किए गए सूर्य के सबसे नज़दीक हमने कभी देखा है.

'हम पहले से ही देख रहे हैं कि ब्रिटेन में निर्मित इस अंतरिक्ष यान पर विज्ञान के उपकरणों से कुछ आकर्षक डेटा लौटाया जा रहा है, जो हमें यह समझने के करीब लाता है कि सूर्य की सतह पर प्राकृतिक घटनाएं अंतरिक्ष के मौसम में कैसे योगदान करती हैं.

हम न केवल उन छवियों से सीख रहे हैं जिन्हें सोलर ऑर्बिटर वापस भेज रहा है, बल्कि इससे भी सीख रहे हैं कि जब यह सूर्य के करीब आता है तो यह 'महसूस' करता है, जिसमें सोलर फ्लेयर्स और हाल ही में कोरोनल मास इजेक्शन शामिल हैं.'

क्या है सोलर ऑर्बिटर
सोलर ऑर्बिटर में 10 विज्ञान उपकरण हैं - नौ का नेतृत्व यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सदस्य राज्यों द्वारा किया जाता है और एक नासा द्वारा - सभी सूर्य के काम करने के तरीके में अभूतपूर्व अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए मिलकर काम करते हैं. ऑर्बिटर का मुख्य विज्ञान लक्ष्य सूर्य और हेलिओस्फीयर के बीच संबंध का पता लगाना है - अंतरिक्ष का बड़ा बुलबुला जो हमारे सौर मंडल के ग्रहों से परे फैला हुआ है.

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