गर्भपात पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, पलट दिया 50 साल पुराना फैसला

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने रो बनाम वेड फैसले को पलट दिया है. अब राज्य गर्भपात पर रोक लगा सकते हैं. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन गर्भपात को लेकर उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बारे में अपनी बात रखी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 24, 2022, 11:09 PM IST
  • छिन गया गर्भपात का कानूनी अधिकार
  • अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला
गर्भपात पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, पलट दिया 50 साल पुराना फैसला

नई दिल्ली: अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पहले के रो बनाम वेड मामले में दिए गए फैसले को पलटते हुए गर्भपात के लिए संवैधानिक संरक्षण को खत्म कर दिया है. शुक्रवार को हुए इस घटनाक्रम से लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लगने की उम्मीद है. यह निर्णय कुछ साल पहले तक अकल्पनीय था.

गर्भपात को मिला संवैधानिक संरक्षण खत्म

उच्चतम न्यायालय का फैसला गर्भपात विरोधियों के दशकों के प्रयासों को सफल बनाने वाला है. न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो की एक मसौदा राय के आश्चर्यजनक ढंग से लीक होने के एक महीने से अधिक समय बाद यह फैसला आया है.

इस फैसले के संबंध में एक महीने पहले न्यायाधीश की यह मसौदा राय लीक हो गई थी कि अदालत गर्भपात को मिले संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर सकती है. मसौदा राय के लीक होने के बाद अमेरिका में लोग सड़कों पर उतर आए थे.

अधिकतर अमेरिकियों की राय फैसले से विपरीत

अदालत का फैसला अधिकतर अमेरिकियों की इस राय के विपरीत है कि 1973 के रो बनाम वेड फैसले को बरकरार रखा चाहिए जिसमें कहा गया था कि गर्भपात कराना या न कराना, यह तय करना महिलाओं का अधिकार है. इससे अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार मिल गया था.

सैमुअल अलिटो ने शुक्रवार को आए फैसले में लिखा कि गर्भपात के अधिकार की पुन: पुष्टि करने वाला 1992 का फैसला गलत था जिसे पलटा जाना चाहिए. 

कोर्ट के फैसले पर बाइडेन ने रखी अपनी बात

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन उच्चतम न्यायालय द्वारा गर्भपात के लिए संवैधानिक सुरक्षा को खत्म करने के बाद शुक्रवार को व्हाइट हाउस से देश को संबोधित किया. अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने कई साल पहले रो बनाम वेड मामले में दिए गए फैसले को पलटते हुए गर्भपात के लिए संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर दिया है.

बाइडेन ने चेताया कि गर्भपात संबंधी फैसले से गर्भनिरोधक, समलैंगिक विवाह के अधिकार कमजोर हो सकते हैं और यह एक खतरनाक रास्ता है.

शुक्रवार को हुए इस घटनाक्रम से लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लगने की उम्मीद है. यह निर्णय कुछ साल पहले तक अकल्पनीय था. उच्चतम न्यायालय का फैसला गर्भपात विरोधियों के दशकों के प्रयासों को सफल बनाने वाला है.

न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो की एक मसौदा राय के आश्चर्यजनक ढंग से लीक होने के एक महीने से अधिक समय बाद यह फैसला आया है. अब बाइडेन की योजनाओं को राजनीति और नीति के लिहाज से परखा जाएगा. फैसला सुनाए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय के बाहर बड़ी संख्या में गर्भपात समर्थक एकत्र हो गये.

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