ताइवान का 'T-Dome' सिस्टम तैयार! सेंसर-टू-शूटर तकनीक से लैस; इस मास्टरप्लान से टेंशन में चीन

Air Defence System: ताइवान ने अपने एयर डिफेंस को आधुनिक बनाने के लिए नई योजना बनाई है. बता दें कि इस योजना का नाम t-dome है. यह हमलों का पता लगाकर उनपर पलटवार करने में सक्षम होगा. आइए इसके बारे में जानते हैं. 

Written by - ritesh jaiswal | Last Updated : Oct 13, 2025, 11:03 PM IST
  • ताइवान ने लॉन्च किया नया ‘T-Dome’ सिस्टम
  • दुश्मन के हमलों पर करेगा तुरंत जवाब
  • सेंसर-टू-शूटर तकनीक से बनेगा ताकतवर
ताइवान का 'T-Dome' सिस्टम तैयार! सेंसर-टू-शूटर तकनीक से लैस; इस मास्टरप्लान से टेंशन में चीन

Chiang Kong Missile: T-Dome ताइवान का एक मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम है. बता दे कि इसे वहां के राष्ट्रपति Lai Ching te ने हाल ही में पेश किया है. यह सिस्टम देश के रडार, मिसाइल और ड्रोन डिफेंस सिस्टम को एक साथ जोड़कर मजबूती से काम करेगा. इसका मकसद चीन से बढ़ते खतरों के बीच ताइवान की हवाई सुरक्षा को नई ताकत देना है. बता दें कि इसके जरिए ताइवान अपनी सेंसर-टू-शूटर तकनीक एडवांस बनाकर तेजी से खतरे को नष्ट करने की क्षमता बना पाएगा. 

कैसे काम करेगा T-Dome सिस्टम
ताइवान के रक्षा मंत्री Wellington Koo के मुताबिक T-Dome में Sensor to Shooter Mechanism का उपयोग किया जाने वाला है. इसका मतलब है कि जैसे ही किसी दुश्मन की मिसाइल, विमान या ड्रोन का पता लगेगा, सिस्टम तुरंत सही हथियार को एक्टिवेट कर उसे तबाह करने में सक्षम होगा. इससे न सिर्फ हमला करने का समय घटेगा, बल्कि लक्ष्य को मार गिराने की संभावना भी काफी बढ़ जाएगी.

Add Zee News as a Preferred Source

कौन से हथियार होंगे शामिल?
ताइवान के पास पहले से ही अमेरिकी Patriot Missiles, ताइवान में बनी Sky Bow Missiles और Stinger Missiles जैसे एयर डिफेंस हथियार मौजूद हैं. अब इसके साथ नया बनाया जा रहा Chiang Kong Missile System भी शामिल होगा जो ऊंचाई पर उड़ने वाली मिसाइलों को भी इंटरसेप्ट करने में सक्षम होगा. बता दें कि रक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में सभी एंटी-मिसाइल, एंटी-एयर और एंटी-ड्रोन सिस्टम को एक साथ जोड़ना ही T-Dome का असली लक्ष्य है.

T-Dome से ताइवान की रणनीति होगी और मजबूत
यह सिस्टम ताइवान की असिमेट्रिक वॉरफेयर स्ट्रैटेजी का हिस्सा है. यह छोटी सेना के बावजूद दुश्मन को बड़ा नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है. राष्ट्रपति लाइ चिंग-ते ने रक्षा खर्च को 2030 तक GDP का 5% करने का वादा किया है. 

चीन से बढ़ता तनाव
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसे अपने कंट्रोल में लाने की हमेशा फिराक में रहता है. वहीं, ताइवान अपने स्वतंत्र बने रहने के लिए और  रक्षा के लिए, अपनी सेना और तकनीक दोनों को लगातार मजबूत कर रहा है.

यह भी पढ़ें: 200 करोड़ का ये 'सैनिक' करेगा देश की रक्षा, भारतीय वायुसेना को मिलेगा ‘पोल-खोल’ रडार; लड़ाकू विमानो की खैर नहीं

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

 

About the Author

ritesh jaiswal

डिजिटल पत्रकार और साइंस के जानकार हैं, ट्रैवल सेगमेंट में काम करने का 6 महीने से ज्यादा एक्सपीरियंस है. विज्ञान और ट्रैवल की बारीक खबरों का अपडेट देते हैं. ...और पढ़ें

ट्रेंडिंग न्यूज़