नई दिल्ली: तालिबान पर एक आलोचनापूर्ण फेसबुक पोस्ट को लेकर एक अफगान युवक की हत्या करने का आरोप लगा है. इस युवक को तीन दिन पहले हिरासत में लिया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 वर्षीय युवक का शव दक्षिणी अफगान शहर लश्कर गाह के बाहरी इलाके में एक नदी के किनारे मिला.
तालिबान का नया शिकार बना नवीद आजमी
रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने दावा किया कि नवीद आजमी नजरबंदी से बच निकला है. लेकिन उसके परिवार ने आतंकवादी समूह पर उसे प्रताड़ित करने और जान से मारने का आरोप लगाया है.
आजमी अफगानिस्तान में आम लोगों की हत्याओं के तालिबान के अभियान का नया शिकार बना है.
फेसबुक पोस्ट में उठाए थे सवाल
फेसबुक पर तालिबान की आलोचना करने के कुछ ही दिनों बाद आजमी को 25 नवंबर को लश्कर गाह में हिरासत में लिया गया था. अपने पोस्ट में आजमी ने सवाल किया था कि तालिबान शिक्षकों को उनके वेतन का भुगतान करने का अपना वादा कैसे निभा सकता है, जब शासन 'दान किए गए भोजन पर जीवित' है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हिरासत में लिए जाने से पहले आजमी ने पोस्ट को डिलीट कर दिया था.
हजारों कर्मचारियों को नहीं मिला है वेतन
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से हजारों सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिली है. उग्रवादियों ने 20 नवंबर को कहा कि वे अतिदेय वेतन का भुगतान करना शुरू कर देंगे, लेकिन इस घोषणा को व्यापक रूप से संदेह के साथ पूरा किया गया.
परिवार के सवाल को टाल गया तालिबान
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब आजमी के परिवार ने तालिबान से पूछा कि उसे 27 नवंबर को कहां रखा गया है, तो आतंकवादियों ने कहा कि वह नजरबंदी से बच गया है. अगले दिन, हेलमंद नदी के किनारे खानाबदोश आदिवासियों के एक समूह ने आजमी के शव की खोज की.
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