सीएए-एनआरसी की बात सिर्फ अमेरिका की एक मनोवैज्ञानिक रणनीति

अमरीकी अधिकारियों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत यात्रा पर आ रहे अमरीकी राष्ट्रपति सीएए और एनआरसी पर पीएम मोदी से बात कर सकते हैं. इन अधिकारियों ने ये भी कहा कि PM मोदी के सामने धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाएंगे ट्रंप..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 22, 2020, 02:49 PM IST
    • ''सीएए-एनआरसी पर बात कर सकते हैं ट्रंप''
    • व्हाइट हाउस के अधिकारी का बयान
    • ये बयान अमेरिका की एक मनोवैज्ञानिक रणनीति से अधिक कुछ भी नहीं
    • भारत को सुरक्षा-मोड पर रखने का मनोवैज्ञानिक उपाय
    • मात्र औपचारिकता की पूर्ती है ये बयान
सीएए-एनआरसी की बात सिर्फ अमेरिका की एक मनोवैज्ञानिक रणनीति

 

नई दिल्ली. लगता है भारत में ही नहीं अमेरिका में विघ्नसंतोषी जात के लोग पाए जाते हैं. ये लोग आम नेताओं से लेकर टॉप नेताओं के आसपास भी देखे जा सकते हैं और ये अधिकारियों के तौर पर भी हो सकते हैं और दूसरे कई निर्णायक स्तर की कुर्सियों पर भी इसी तरह के लोग बैठे पाये जा सकते हैं. इनका एक ही काम होता है कि व्यक्ति का या समाज का या राष्ट्र के हित में का किसी न किसी तरह का विघ्न पैदा करना और उसका आनंद लेना. ये अमेरिकी अधिकारी भी इसी निकृष्ट कोटि के जीव प्रतीत होते हैं. 

 

व्हाइट हाउस के अधिकारी का बयान 

दो दिन बाद 24 फरवरी को भारत के दौरे पर आ रहे हैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिनके स्वागत की भारत में अभूतपूर्व तैयारियां चल रही हैं. ऐसे में व्हाइट हाउस के अधिकारी का यह बयान कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष डोनाल्ड ट्रम्प धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाएंगे, हजम होने वाली बात नहीं नज़र आती. ये बयान भी एक डिप्लोमैसी का हिस्सा हो सकता है जो ट्रम्प-मोदी मीट के दौरान भारत को सुरक्षा-मोड पर रखने का एक मनोवैज्ञानिक उपाय से अधिक कुछ भी नहीं.

गोल-गोल घुमा कर पेश की घिसीपिटी बात 

व्हाइट हाउस के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका के मन में  भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्थानों के प्रति बहुत सम्मान है.  इन्हीं में से एक अधिकारी ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप सार्वजनिक तौर पर और उसके बाद  निजी तौर पर लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता की हमारी साझा परंपरा पर बात करेंगे. वह  शासन के लिए बहुत जरूरी धार्मिक स्वतंत्रता समेत अन्य मुद्दों को भी उठाएंगे.

 

मात्र औपचारिकता की पूर्ति है ये बयान 

ये अधिकारी व्हाइट हाउस के अधिकारी हैं ट्रम्प के निजी अधिकारी नहीं. इसलिए ट्रम्प के निजी हित के महत्व को ये नहीं समझ पाएंगे जिसकी पूर्ती इस भारत यात्रा के दौरान होने वाली है. इसलिए ये अधिकारी वही कहेंगे जो इनको औपचारिक तौर पर कहने के लिए कहा गया है और जो सारे अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के संदेश के रूप में जाना जाएगा. भारत इतना अभूतपूर्व स्वागत डोनाल्ड ट्रम्प का यूँ ही नहीं कर रहा है और सारी दुनिया जानती है कि भारत के घरेलु मामलों में टांग डालने वालों को सीधा करना भी जानता है भारत. ऐसे में फायदा देखेंगे डोनाल्ड ट्रम्प और उम्मीद पूरी है कि कोई अपरिपक्वता या सीधे शब्दों में कहें तो किसी तरह की बेवकूफाना हरकत उनसे अपेक्षित नहीं होगी.

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