Trump India Visit: कुछ इस तरह अमेरिका की सीक्रेट सर्विस करती राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत के दौरे पर आ रहे हैं और उनके आने से कई दिनों पहले से ही उनकी सीक्रेट सर्विस का स्टाफ अहमदाबाद में डेरा डाल चुका है. सीक्रेट सर्विस का एक ही लक्ष्य होता है कि कैसे प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रम्प की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.

Written by - Madhaw Tiwari | Last Updated : Feb 19, 2020, 09:52 PM IST
    • डोनाल्ड ट्रंप के सुरक्षा घेरे के बारे में जानिए
    • कई चक्रों में होता है अमेरिकी राष्ट्रपति का घेरा
    • राष्ट्रपति की यात्रा से पहले शुरु कर दी जाती है रेकी
    • अहमदाबाद में अमेरिकी सीक्रेट एजेन्ट्स ने पूरी तैयारी कर ली है
Trump India Visit: कुछ इस तरह अमेरिका की सीक्रेट सर्विस करती राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा

नई दिल्ली: अमेरिका की सीक्रेट सर्विस डोनाल्ड ट्रम्प(Donald Trump) के अहमदाबाद में लैंड करने से पहले ही उनके कार्यक्रम के मुताबिक सुरक्षा घेरा तैयार कर चुकी है.  इस सुरक्षा चक्र में शामिल होता है एयरस्पेस, ज़मीन पर सड़क का रूट, होटल जिसमें राष्ट्रपति ट्रम्प ठहरेंगे. ट्रॉमा हॉस्पिटल्स, एक सेफ हाउस और किसी तरह का हमला होने की स्थिति में सुरक्षित बाहर निकलने का प्लान.

विशेषज्ञों ने बताया कैसा है ट्रंप का सुरक्षा चक्र
वायर्ड (wired.com) को दिए इंटरव्यू में अमेरिका के सीक्रेट सर्विस में काम कर चुके स्पेशल एजेंट जॉनथन वाकरो बताते हैं कि "सीक्रेट सर्विस का लक्ष्य होता है कि वो काफी पहले ही एक्शन के लिए तैयार हो. हम तीन मुख्य चीज़ों पर ध्यान देते हैं. पहला हम किसी हमले के हालात में क्या करेंगे, दूसरा मेडिकल सिचुएशन में क्या करेंगे. और अगर हमें राष्ट्रपति को दूसरी जगह ले जाना है तो क्या करना है. यही सबसे बड़े खतरे होते हैं. इनके अंतर्गत और भी चीज़ें होती हैं लेकिन हर एजेंट यही सोचता है कि आगे हम क्या करेंगे. मेरी अपनी सुरक्षा रणनीति क्या होगी और अपने राष्ट्रपति के लिए क्या प्लान होगा. हम कभी बंधे नहीं होते, जैसे ही हम बंध जाते हैं, बंधने से मौत हो सकती है और कुछ भी हो सकता है"

अमेरिकी राष्ट्रपति पर मंडराता है हमेशा खतरा
सीक्रेट सर्विस को हमेशा तैयार रहना होता है क्योंकि दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान पर कहीं भी, किसी भी वक़्त हमला हो सकता है क्योंकि जो सबसे ताकतवर है, वो ही सबसे ज़्यादा खतरे में है. डोनाल्ड(Donald Trump) और मेलानिया ट्रम्प 24-25 फरवरी को भारत के दौरे पर रहेंगे. डोनाल्ड ट्रम्प(Donald Trump) 24 फरवरी को एयरफोर्स वन से गुजरात के अहमदाबाद पहुंचेंगे और अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक भव्य कार्यक्रम में शामिल होंगे. दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में होनेवाला ये कार्यक्रम सीक्रेट सर्विस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और इसके लिए उनकी तैयारी कैसी होती है, ये जानना ज़रूरी हो जाता है.

 सुरक्षा कर्मियों की आंखें भांप लेती हैं खतरा
स्पेशल एजेंट जॉनथन वाकरो के मुताबिक "सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स जब किसी भी जगह पर जाते हैं, जहां प्रेसिडेंट को जाना है, वो उस जगह को आम लोगों से बहुत ज़्यादा हटकर देखते हैं, पूरे एरिया में कहां से हवा आ रही है, एयर कंडीशनिंग यूनिट भी मेरा ही एरिया है. हो सकता है कोई हवा में कोई स्प्रे कर दे और वो मुझे या मेरे राष्ट्रपति को प्रभावित कर दे. वहां की लाइटिंग पर हम काम करते हैं, कौन उसे कंट्रोल करता है. अगर वहां किसी अटैक से अंधेरा हो जाता है तो वहां कितने प्रवेश द्वार हैं, क्या वहां कोई सीढ़ियां हैं जो बेसमेंट से आती हैं. किचन से क्या कोई रास्ता है. हम समझते हैं कि वहां पर कौन-कौन से आने-जाने के रास्ते हैं"

सुरक्षा के दो चक्रों में घिरे होते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति
अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प(Donald Trump) चाहे जहां भी रहें, उनके आसपास हमेशा सीक्रेट सर्विस के दो सुरक्षा चक्र होते हैं. पहले चक्र में 360 डिग्री सुरक्षा के लिए डोनाल्ड ट्रम्प के आस-पास सीक्रेट  सर्विस के सीनियर एजेंट्स होते हैं जिनकी संख्या आवश्यकता के अनुसार 5 से 25 तक हो सकती है. दूसरे चक्र में हैवी और ऑटोमेटिक हथियारों से लैस सीक्रेट सर्विस की असॉल्ट टीम होती है जिनके पास बख़्तर बंद गाड़ियां, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, बॉम्ब डिस्पोज़ल एक्सक्वॉयड, एक्सप्लोसिव डिटेक्टर, और स्नाइपर्स के साथ ही हवाई दस्ता भी शामिल होता है.

अमेरिकी सुरक्षा एजेन्टों ने चिन्हित कर लिया है स्थान
मोटेरा  स्टेडियम में ट्रम्प के कार्यक्रम को देखते हुए पहले ही सीक्रेट सर्विस ने चिन्हित कर लिया है कि वो कहां पर खड़े होंगे और उनके चारों तरफ किस फॉर्मेशन में सीक्रेट एजेंट्स को खड़ा होना है ताकि सभी अपना - अपना दायरा बना लें. स्पेशल एजेंट जॉनथन वाकरो कहते हैं कि "मैं अपने दायरे को फिक्स करता हूं, मेरे पास आने-जाने का अधिकार है, मैं पूरी तरह से समझूंगा कि मैं कैसे हर व्यक्ति पर नज़र रख पाऊंगा जो वहां आएंगे. वो मेटल डिटेक्टर से गुज़रेंगे, विस्फोटकों को सूंघने के लिए कुत्ते, कई तरह की तकनीक को इस्तेमाल किया जाता है जिससे ये तय किया जा सके कि हम राष्ट्रपति को हमेशा दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह पर रखे हुए हैं, चाहे वो जहां भी हों."

आधुनिक तकनीक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती
अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा को तकनीक ने बेहतर बनाया है तो तकनीक ने ही उसे और ज़्यादा ख़तरनाक भी बना दिया है. एक वाक्ये का ज़िक्र करते हुए स्पेशल एजेंट जॉनथन वाकरो कहते हैं कि " साल 2018 में प्रेसिडेंट इराक जा रहे थे. तब ये दुनिया के सामने आ गया जब एयरफोर्स वन को ब्रिटेन के ऊपर उड़ते हुए देखा गया, किसी ने उसकी फोटो खींच ली और उसे ऑनलाइन डाल दिया. और बहुत जल्दी दुनियाभर की मीडिया को पता चल गया कि राष्ट्रपति हवाई यात्रा पर हैं. और वे उस एयरक्राफ्ट को ट्रैक करने लगे जो अब बहुत आसान है और एक सीक्रेट मिशन में राष्ट्रपति की लोकेशन सामने आ चुकी थी. सोचिए ये कितना खतरनाक है, अमेरिका की सीक्रेट सर्विस के लिए, मिलिट्री के लिए और प्रेसिडेंट के लिए."

हादसों से लिया सबक
स्पेशल एजेंट जॉनथन वाकरो के मुताबिल सीक्रेट सर्विस ने हमेशा हादसों से सीखा है और हमेशा ऐसी चीज़ों से सीखती रहती है. जैसे कि कैनेडी की हत्या के वक़्त किसी को नहीं पता था कि काफी दूरी से कोई चलती कार में राष्ट्रपति को निशाना बना सकता है, ऐसा होने पर अमेरिकी राष्ट्रपति के काफिले में खुली कार में राष्ट्रपति के सफर को पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया. ये भी सबक लिया गया कि लोगों को राष्ट्रपति के काफिले से दूर रखा जाए और सुरक्षा कर्मी भीड़-भाड़ वाली जगह पर ऐसे तैनात हों कि कोई भी काफिले के सामने ना आ सके या राष्ट्रपति की कार के नज़दीक ना आ सके.

हमेशा खुला होता है बुलेटप्रूफ लिमोजिन का दरवाजा
अमेरिकी राष्ट्रपति की सवारी के तौर पर बुलेटप्रूफ लिमोजिन इस्तेमाल की जाती है. लेकिन साल 1975 में एक ऐसा हादसा हुआ , जिससे सीक्रेट सर्विस ने सबक लिया कि जब भी राष्ट्रपति अपनी कार के पास हों, या उसकी तरफ बढ़ रहे हों तो कार का दरवाज़ा खुला रखना है. स्पेशल एजेंट जॉनथन वाकरो ने उस वाक्या का ज़िक्र किया और बताया कि "22 सितम्बर 1975 को राष्ट्रपति फोर्ड सेंट फ्रांसिस्को के होटल से बाहर निकले और अपनी कार के पास पहुंचे ही थे कि एक हमलावर सड़क के उस पार से फायर कर देता है. सीक्रेट सर्विस तुरंत इमरजेंसी ड्रील शुरू करती और राष्ट्रपति फोर्ड को घेर लेती है और उनके इर्द गिर्द एक रक्षा कवच बना लेती है लेकिन कार का दरवाज़ा खोला जाता है और वो खुलता नहीं है. अब ये होता है कि जब भी राष्ट्रपति लेमो पास होते हैं, वो दरवाज़ा खोलकर रखा जाता है. क्योंकि ऐसे ही हम उन्हें बचा सकते हैं"

भारत में भी जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अहमदाबाद में होंगे, आगरा में होंगे या दिल्ली में होंगे, उनके आसपास ऐसी ही सुरक्षा रहेगी और सीक्रेट सर्विस इसी तरह से उन्हें सुरक्षा देगी.

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