Balochistan human rights violations: पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तानी सेना पर बलोच के लड़ाके कहर बनकर टूटे हैं. हाल ही में बलोच ने दर-ए-बोलन मिशन को सफल बताया था. जिसमें जफर एक्सप्रेस के हाइजैक की घटना भी शामिल थी. बलोची लड़ाके इन हमलों की वजह पाकिस्तानी सेना का जुल्म मानते हैं. ऐसे में एक बार फिर बलूचिस्तान प्रांत में मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाई गईं हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 14 और 15 अप्रैल के बीच पासनी, तुरबत और क्वेटा इलाकों से पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने तीन नागरिकों को जबरन अगवा कर लिया. इनमें एक कॉलेज छात्र भी शामिल है. पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि न तो कोई वारंट दिखाया गया और न ही अदालत में पेश किया गया. ऐसे में, विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही और अपनी मौत को खुद बुलावा दे रही है.
पाकिस्तानी सेना का आतंक: 3 बलूच लापता
बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 और 15 अप्रैल को बलूचिस्तान के तीन अलग-अलग इलाकों पासनी, तुरबत और क्वेटा में पाकिस्तानी सेना और काउंटर टेररिज़्म डिपार्टमेंट (CTD) ने रात के समय छापेमारी कर तीन लोगों को अगवा कर लिया.
अगवा बलोचियों का काई सुराग नहीं
ग्वादर जिले के पासनी शहर के बब्बर शोर इलाके में 14 अप्रैल की रात CTD ने एक घर पर छापा मारा और शौकत नाम के युवक को जबरन उठाकर ले गए. उसके परिवार का कहना है कि तब से उसका कोई अता-पता नहीं है और उसे कोर्ट में भी पेश नहीं किया गया.
वहीं, एक अन्य मामला कल्लात के मांगोचर इलाके से सामने आया है, जहां महिला महदाइम बलूच ने बताया कि उनके भाई सालाल बलूच को सुरक्षाबलों ने परिवार के सामने ही उठा लिया. सालाल कॉलेज में दूसरे वर्ष का छात्र है और उसे बिना वारंट के हिरासत में लिया गया. यह घटना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि पूरे परिवार पर मानसिक आघात है.
इसके इतर, 15 अप्रैल की सुबह केच जिले के तुरबत शहर के जोसक इलाके में भी पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने छापेमारी की और शेर खान नजर को उठाकर अज्ञात स्थान पर ले गए. उसके परिवार ने उसकी तत्काल रिहाई की मांग की है और उसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है.
बलूचिस्तान में मानवाधिकारों की भयावह स्थिति
पाकिस्तान लंबे समय से बलूच नागरिकों, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और अल्पसंख्यकों पर जुल्म करता आ रहा है. जबरन गुमशुदगी, गैर-न्यायिक हत्याएं, यातनाएं और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर रोक वहां आम बात हो चुकी है. बलूच समुदाय की मांग है कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन इस पर हस्तक्षेप करें और न्याय सुनिश्चित करें.
जबकि दूसरी ओर, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (BNP-M) का धरना प्रदर्शन लगातार 20 दिन से जारी है. यह प्रदर्शन बलोच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में किया जा रहा है. इन्हीं विरोध के बीच मंगलवार को बलूचिस्तान के मस्तुंग जिले में बड़ा IED ब्लास्ट हुआ. जिसमें बलूचिस्तान कांस्टेबुलरी के 3 जवानों की मौत हो गई, जबकि हमले में 16 लोगों के घायल होने की सूचना है.
इन हमलों के पीछे की वजह पाकिस्तानी सेना की क्रूरता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना जिस तरह बलोचियों पर जुल्म ढाह रही है. वे अपनी मौत को खुद बुलावा दे रहे हैं.
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