नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मंगलवार को दावोस में मिले. स्विट्जरलैंड के इस शहर में हुई यह मुलाकात वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (डब्लूईएफ) से इतर हुई. इस दौरान ट्रंप ने कश्मीर के मसले पर बात की और कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के संबंध में कश्मीर को लेकर सोच रहे हैं और अगर हम मदद कर सकते हैं तो निश्चित रूप से ऐसा करेंगे.
Ahead of meet with Imran Khan in Davos, Donald Trump talks Kashmir, offers help
Read @ANI Story | https://t.co/h8d22ZZYTs pic.twitter.com/AI3gRqC2fP
— ANI Digital (@ani_digital) January 21, 2020
इस मुलाकात में फोरम के बैठक से अलग दोनों राष्ट्र प्रमुखों ने अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों को बढ़ाने पर सहमति जताई. राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक-दूसरे के हित, सुरक्षा, कश्मीर और अफगानिस्तान शांति पर भी बात की. इमरान खान ने समूचे क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाने के प्रति प्रतिबद्धता का दावा किया है.
ट्रंप ने पाक को अमेरिका का करीबी बताया
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस वक्त अमेरिका, पाकिस्तान का जितना करीबी है, उतना पहले कभी नहीं था. दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठा. इमरान खान ने कहा कि इस मसले पर दोनों देशों का समान रुख है. अफगानिस्तान को लेकर हम लोगों ने प्रमुख रूप से बातचीत की. पिछले साल पाकिस्तानी नेता के वाशिंगटन दौरे के बाद इमरान खान और डोनाल्ड ट्रंप के बीच ये तीसरी मुलाकात है.
कश्मीर मुद्दे पर इससे पहले भी कम से कम दो मौकों पर डोनाल्ड ट्रंप ये बात कह चुके हैं लेकिन भारत स्पष्ट कर चुका है कि कश्मीर द्विपक्षीय मसला है और इसमें किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है.
इस पाकिस्तानी सिख नेता की हालत बताती है कि CAA है कितना जरुरी
ट्रंप पहले भी कर चुके हैं मध्यस्थता की बात
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने कश्मीर पर अपनी राय रखी है. पिछले साल अगस्त में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर भारत चाहेगा तो वे कश्मीर मामले में मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि इस मामले को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाना चाहिए. इस मुद्दे पर काफी चर्चा हुई और भारत ने इस पर आपत्ति भी जताई थी.
भारत शुरू से कहता रहा है कि कश्मीर मुद्दा पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय है और इस पर तीसरे देश को दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए. पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने साफतौर पर ये बात डोनाल्ड ट्रंप से कही भी थी.