Turkey Bayraktar TB2 drone in Bangladesh: भारत-पाक संघर्ष के दौरान तुर्की द्वारा भेजे गए ड्रोन का पाकिस्तान ने इस्तेमाल किया. तुर्की ने ना सिर्फ ड्रोन भेजे, बल्कि अंदरूनी तौर पर पाक का भरपूर समर्थन भी किया. इसके बाद से ही भारत का तुर्की के खिलाफ भारत का कड़ा रुख रहा है. लेकिन तुर्की अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है, उसने भारत के एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश को भी बायरकटार-टीबी2 ड्रोन सप्लाई किए हैं.
सिलहट इलाके से संचालित हो रहे हैं
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पहली बार दिसंबर 2024 में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तुर्की निर्मित बायरकटर-टीबी2 ड्रोन का पता लगाया था. लेकिन अब कई खुफिया इनपुट इस बात की पुष्टि करते हैं कि ये ड्रोन बांग्लादेश के सिलहट इलाके के ठिकानों से संचालित किए जा रहे हैं. ये ड्रोन 20 घंटे से अधिक समय तक निगरानी करने की क्षमता रखते हैं. इन यूएवी की हाल की खेप चटगांव-राखिन कॉरिडोर से बांग्लादेश पहुंची है.
भारत के चिकन नेक पर बांग्लादेश की नजर
विशेषज्ञों का मानना है कि इन ड्रोन के जरिये बांग्लादेश रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी कॉरिडोर (भारत का चिकन नेक, जो पूर्वोत्तर भारत को बाकी देश से जोड़ता है) पर निगरानी रखेगा. पूर्वी सीमा पर निगरानी और हमले, दोनों की की संभावना बढ़ सकती है.
दो मोर्चों से भारत को चुनौती
पाकिस्तान पहले से ही नियंत्रण रेखा (LoC) पर इन ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. अब बांग्लादेश में इनकी मौजूदगी से भारत को दो मोर्चों पर ड्रोन खतरे का सामना करना पड़ रहा है. यह तुर्की, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच एक अनऑफिसियल गठजोड़ का संकेत देता है, जिससे निपटने के लिए भारत को मजबूत रणनीति बनानी होगी.
भारत सतर्क है, टाइम आने पर दिखा देगा ताकत
भले ही बांग्लादेश भारत पर बुरी नजर डाले, लेकिन इंडियन मिलिट्री हर खतरे को मिटाने के लिए तैयार है. भारतीय सेना, वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने ड्रोन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हवाई और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी बढ़ा दी है. ड्रोन जैमर और रडार सिस्टम तैनात किए गए हैं. भारतीय अधिकारियों का दावा है कि भारत के पास इन ड्रोन को ट्रैक करने और जरूरत पड़ने पर निष्क्रिय करने की क्षमता भी है.