Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में अब एक नया मोड़ आ चुका है. 15 मार्च 2025 को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने घोषणा की है, कि यूक्रेन ने अपने नेप्च्यून क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक अपग्रेडेड वर्जन सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है, जो अब 1,000 किलोमीटर तक जमीनी ठिकानों को सटीकता से निशाना बना सकता है. यह मिसाइल पहले केवल समुद्री युद्ध के लिए बनाई गई थी, लेकिन अब यह रूसी सेना के लॉजिस्टिक सप्लाई चेन, एयर डिफेंस सिस्टम और सैन्य ठिकानों को आसानी से निशाना बना सकता है.
नेप्च्यून मिसाइल मूल रूप से एक एंटी-शिप मिसाइल थी, जिसे यूक्रेन ने अपने समुद्री इलाकों की सुरक्षा के लिए विकसित किया था. इसे पहली बार 2020 में यूक्रेनी सेना में शामिल किया गया था और इसने रूसी युद्धपोतों के खिलाफ अपना दमखम दिखाया था. अब इसका अपग्रेडेड वर्जन न केवल समुद्री बल्कि जमीनी लक्ष्यों को भी आसानी और सटीकता से भेद सकता है. नई नेप्च्यून मिसाइल को लंबी दूरी की मारक क्षमता, बेहतर गाइडेंस सिस्टम और उच्चतम सटीकता से लैस किया गया है.
नई नेप्च्यून मिसाइल की ताकत
इस मिसाइल की रेंज पहले 280 किमी थी, पर अब 1,000 किमी तक के लक्ष्य पर सटीक हमला कर सकती है. यह न केवल हवा में वार करने के लिए काफी है, बल्कि अब जमीनी ठिकानों, एयर डिफेंस सिस्टम, कमांड सेंटर और लॉजिस्टिक सप्लाई चेन को निशाना बना सकती है. नया एडवांस्ड सिस्टम जो स्थिर और गतिशील दोनों लक्ष्यों पर हमले की क्षमता रखता है.
नेप्च्यून मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत मल्टी-टारगेटिंग है, यह एक साथ समुद्री और जमीनी ठिकानों पर हमला कर सकने में सक्षम है. इतना ही नहीं, इसकी मोबिलिटी भी एडवांस है, जिसकी मदद से यह मोबाइल लॉन्चर से दागी जाती है. साथ ही यह मात्र 15 मिनट के अंदर लॉन्च के लिए तैयार हो जाती है.
कैसे बनी यह नई मिसाइल?
यूक्रेन ने अप्रैल 2023 में घोषणा की थी कि वह नेप्च्यून मिसाइल को जमीनी ठिकानों पर हमला करने के लिए अपग्रेड कर रहा है. इसके लिए मिसाइल के गाइडेंस सिस्टम और वॉरहेड में जरूरी बदलाव किए गए हैं, ताकि यह जमीनी लक्ष्यों को आसनी से भेद सके. हालांकि, इस नए वर्जन के टेक्निकल डिटेल्स पूरी तरह सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन यह साफ है कि यूक्रेन ने इसे लंबी दूरी और उच्च सटीकता के साथ विकसित किया है.
रूसी सेना के लिए नया खतरा
रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन की सबसे बड़ी चुनौती थी कि वह रूसी सप्लाई चेन और सैन्य ठिकानों को गहराई में जाकर निशाना नहीं बना सकता था. लेकिन नेप्च्यून मिसाइल के अपग्रेडेड वर्जन के बाद अब यह संभव हो गया है. यूक्रेनी सेना अब इस मिसाइल का इस्तेमाल रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों और महत्वपूर्ण सैन्य अड्डों को नष्ट करने के लिए कर सकती है.
1,000 किमी की रेंज के कारण यह रूस के हवाई अड्डों, गोला-बारूद डिपो, तेल रिफाइनरी और सैन्य मुख्यालयों को निशाना बना सकती है. यह रूस की युद्ध रणनीति को कमजोर कर सकता है और उसकी फ्रंटलाइन सपोर्ट को बाधित कर सकता है.
यूक्रेन के लिए क्यों अहम है नेप्च्यून?
यूक्रेन को अब तक पश्चिमी देशों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मिलते रहे हैं, लेकिन आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए उसने अपनी खुद की मिसाइल और सैन्य तकनीक विकसित करने पर जोर दिया है.
नेप्च्यून मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन इस बात का प्रमाण है कि यूक्रेन अब अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में सक्षम हो चुका है. यह मिसाइल यूक्रेन की युद्धक्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और रूस के खिलाफ उसके अभियान को और मजबूती देगी.
सीजफायर पर चर्चा, लेकिन हमला जारी
हालांकि रूस और यूक्रेन के बीच सीजफायर को लेकर चर्चाएं चल रही हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप, कई बार खुले मंच से युद्ध रोकने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की. इसके लिए उन्होंने जेलेंस्की और पुतिन दोनों से बात की, लेकिन दूसरी ओर, यूक्रेन अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.
यूरोपीय सहयोगी देशों से मिल रहे समर्थन के अलावा, यूक्रेन अब अपने घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत करने में लगा हुआ है. इस मिसाइल का अपग्रेड रूस के लिए एक कड़ा संदेश है कि यूक्रेन न केवल खुद को बचाने में सक्षम है, बल्कि वह रूस के अंदर भी हमला कर सकता है.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रूस इस चुनौती का कैसे सामना करता है. क्या वह अपनी रक्षा प्रणाली को और मजबूत करेगा, या फिर युद्ध के नए मोर्चे खोलने पर मजबूर होगा? आने वाले दिनों में रूस-यूक्रेन जंग में और बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.