UN Report on Israel Palestine: दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों...(बशीर बद्र)
जंग में महज खून नहीं बहता है, आंसू भी बहते हैं... ये आंसू अपनों के खोने के ही नहीं, बल्कि खुद के साथ हुए ऐसे अमानवीय अपराधों के भी हैं, जिन्हें करने वाले खुद को मानव होने को धता बताते हैं. इजरायल पर संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषज्ञ समिति ने गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए हैं. UN की रिपोर्ट में हुए खुलासे बताते हैं जंग में लड़ाई के अलावा और क्या-क्या होता है?
UN की रिपोर्ट में क्या खुलासे हुए?
UN की रिपोर्ट में दावा है कि इजरायल ने फिलिस्तीनी जनता को आतंकित करने और उन पर कंट्रोल पाने ले लिए यौन हिंसा शुरू कर दी है. गुरुवार को रिलीज हुई रिपोर्ट में बताया गया है कि गाजा समेत फिलिस्तीनी के कुछ अन्य इलाकों में यौन और लिंग आधारित हिंसा के मामले बढ़ते जा रहे हैं. कुछ मामले तो ऐसे भी सामने आए हैं, जबरन महिलाओं को सार्वजनिक रूप से निर्वस्त्र किया गया. यहां तक दावा किया गया है कि ये सैन्य और असैन्य मंजूरी या उनकी अनदेखी के तहत हुआ है.
महिलाओं और बच्चों की जान जा रही
रिपोर्ट में बताया गया है कि गाजा पट्टी में स्वास्थ्य केंद्रों को जानबूझकर ध्वस्त किया है. ऐसा इसलिए किया गया, ताकि गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को जरूरी दवाओं से महरूम रखा जाए. नतीजतन, महिलाओं और बच्चों की जान चली गई है.
ये नरसंहार से कम नहीं
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इजरायल का ये काम मानवता के खिलाफ है. बर्थ रेट को कंट्रोल करने की यह कोशिश नरसंहार के मानकों को पूरा करती है. स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय आयोग की अध्यक्ष नवी पिल्लै ने कहा कि सबूत दिखाते हैं कि यौन और लिंग आधारित हिंसा तेजी से बढ़ी है. इजरायल इन कृत्यों को फिलिस्तीनियों को आतंकित करने और उनके अधिकारों को खोखला करने के लिए को वेपन की तरह इस्तेमाल कर रहा है.
इजरायल बोला- रिपोर्ट पक्षपाती है
साल 2021 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने एक स्वतंत्र आयोग का गठन किया, ताकि इजरायल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच हो. इजरायल ने अपने UN के आरोपों को खारिज करते हुए रिपोर्ट को पक्षपाती बताया है. इजरायल ने UN का रवैया भेदभावपूर्ण करार दिया है.