US Frankenjet: अमेरिकी वायुसेना ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे सुनकर और जानकर हर कोई हैरान है. दरअसल, अमेरिका ने दो खराब और कबाड़ हो चुके फाइटर जेट्स को जोड़कर एक नया जेट बनाया है. ऐसा संभवतः दुनिया में पहली बार ही हुआ है. इस नए जेट का नाम ‘फ्रेंकनजेट’ रखा गया है. यह भी एक लड़ाकू विमान है, जिसका इस्तेमाल युद्ध क्षेत्र में किया जा सकता है. ये अमेरिकी वायुसेना की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. इस जेट के बनने की पूरी कहानी किसी हॉलीवुड फिल्म से कम नहीं.
2022 में सोचा, अब साकार हुआ सपना
रिपोर्ट बताती है कि साल 2022 में F-35 प्रोग्राम ऑफिस ने ऐसा आईडिया सोचा था. दो ऐसे फाइटर जेट लिए गए, जो दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे. इनके हिस्सों को जोड़कर ही अमेरिका ने नया फाइटर जेट खड़ा कर लिया. जिन दो जेट्स के पार्ट्स यूज किए गए, उनमें से एक के इंजन में 2014 में खराबी आ गई थी. जबकि दूसरे जेट के 2020 में लैंडिंग गियर में खराबी आ गई थी.
मरम्मत में आता मोटा खर्च
दरअसल, खराब हो चुके जेट्स को ठीक करवाया जाता तो इसमें मरम्मत का मोटा खर्चा आता. लिहाजा, दोनों जेट्स को बेकार और कबाड़ घोषित करने की बजाय अमेरिका ने इन्हीं के पार्ट्स से नया जेट बना लिया. ये चाह रहे थे कि पैसे भी कम लगे और नया जेट भी बन जाए, हुआ भी यही. फाइटर विंग मेंटेनेंस ग्रुप और लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने मिलकर ये जेट तैयार किया है.
जेट को बनाने में लगाए इतने डॉलर
मरम्मत टीम के इंजीनियर टॉमस बार्बर का कहना है कि ये प्रोजेक्ट बड़ा मुश्किल था. ये एक नामुमकिन काम था, लेकिन अमेरिकी वायुसेना ने पहली बार ऐसा कर दिखाया. यह प्रोजेक्ट करीब-करीब दो साल चला, इसमें लगभग 11.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्च हुए. माना जा रहा है कि ‘फ्रेंकनजेट’ का निर्माण होने से अमेरिकी रक्षा विभाग ने 63 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत की.
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