अमेरिका के F-22 फाइटर जेट के सामने थर-थर कांपेगा रूस-चीन, IDRS से लैस कर दुनिया को चौंकाया!

F-22 रैप्टर फाइटर जेट को अब इंफ्रारेड डिफेंसिव सिस्टम (IRDS) से अपग्रेड किया गया है, जो बिना रडार सिग्नल के दुश्मन की पहचान और ट्रैकिंग कर सकता है. यह सिस्टम 360 डिग्री निगरानी और लॉन्ग-रेंज टार्गेटिंग में सक्षम है, जिससे फाइटर जेट की मारक क्षमता और स्टील्थ क्षमता बढ़ गई है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 23, 2025, 10:43 PM IST
  • अमेरिका ने F-22 में जोड़ा IRDS सिस्टम, नहीं बचेंगे दुश्मन
  • चीन-रूस की स्टील्थ ताक़त को जवाब देगा अपग्रेडेड रैप्टर
अमेरिका के F-22 फाइटर जेट के सामने थर-थर कांपेगा रूस-चीन, IDRS से लैस कर दुनिया को चौंकाया!

Fighter jet f22: अमेरिका ने अपने सबसे ताकतवर फाइटर जेट F-22 रैप्टर को अब और भी घातक बना दिया है. लॉकहीड मार्टिन ने 23 अप्रैल 2025 को घोषणा की कि इस जेट में अब एक नई इंफ्रारेड डिफेंसिव सिस्टम (IRDS) तकनीक जोड़ी गई है. यह तकनीक दुश्मन को उसकी हरकतों की भनक लगे बिना पहचान कर उसे खत्म कर सकती है. IRDS एक पैसिव सेंसर सिस्टम है जो 360 डिग्री की थर्मल निगरानी करता है, जिससे F-22 दुश्मन की स्टील्थ क्षमताओं को भी पहचान सकता है. यह कदम चीन और रूस जैसे देशों की उन्नत स्टील्थ तकनीकों को जवाब देने के लिए अहम माना जा रहा है.

F-22 रैप्टर को किया गया अपग्रेड
लॉकहीड मार्टिन ने अमेरिकी F-22 रैप्टर को लेटेस्ट IRDS तकनीक से लैस किया है. यह तकनीक जेट की सर्वाइवल और अटैक क्षमता को नई ऊँचाइयों तक ले जाती है. यह घोषणा लॉकहीड मार्टिन की 2025 की पहली तिमाही की रिपोर्ट जारी करते समय की गई. 

बता दें, F-22 दुनिया का सबसे उन्नत स्टील्थ एयर सुपरिओरिटी फाइटर माना जाता है. इसकी सुपरक्रूज़, लो रेडार सिग्नेचर और हाई एरियल एक्यूरेसी इसे अजेय बनाते हैं. अब IRDS जोड़ने से यह पहले से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक हो गया है.

क्या है IRDS टेक्नोलॉजी?
IRDS यानी इंफ्रारेड डिफेंसिव सिस्टम, एक पैसिव सेंसर सिस्टम है जो दुश्मन के हीट सिग्नेचर के जरिए उसे ट्रैक करती है. यह रडार जैसी एक्टिव तकनीकों से अलग है, जिससे दुश्मन को भनक भी नहीं लगती कि उस पर नज़र रखी जा रही है. यह तकनीक F-22 को इलेक्ट्रॉनिक साइलेंस में ऑपरेट करने की सुविधा देती है, जिससे उसका स्टील्थ फैक्टर और मजबूत होता है. यह सिस्टम मिसाइल लॉन्च और एयरक्राफ्ट मूवमेंट को रडार जैमिंग के बावजूद पहचान सकता है.

360 डिग्री सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में बढ़त
IRDS सिस्टम F-22 को 360 डिग्री की थर्मल निगरानी प्रदान करता है, जिससे पायलट को रीयल टाइम में पूरी तस्वीर मिलती है. यह विशेष रूप से उन इलाकों में उपयोगी है जहां इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और जैमिंग का खतरा होता है.

इससे F-22 की एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड दोनों में सर्वाइवलिटी बढ़ती है. AIM-120 AMRAAM जैसे लॉन्ग रेंज मिसाइलों के साथ मिलकर यह जेट ‘फर्स्ट लुक, फर्स्ट शॉट, फर्स्ट किल’ सिद्धांत को और कारगर बनाता है.

चीन-रूस की स्टील्थ चुनौतियों के खिलाफ जवाब
चीन और रूस जैसे देश अपनी-अपनी फिफ्थ जनरेशन स्टील्थ फाइटर्स जैसे J-20 और Su-57 को तैनात कर चुके हैं. ये फाइटर्स रडार पर पकड़ में नहीं आते, लेकिन IRDS के थर्मल सेंसर से ये बच नहीं सकते.

यह टेक्नोलॉजी अमेरिका को एंटी-स्टील्थ बढ़त देती है. स्टील्थ एयरक्राफ्ट भी इंजन और इलेक्ट्रॉनिक्स से थर्मल सिग्नल छोड़ते हैं, जिन्हें IRDS आसानी से पकड़ सकता है. इससे अमेरिका की एरियल डॉमिनेंस और मजबूत होती है, और भविष्य के युद्धों में मजबूत दावेदारी पेश करेगा.

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