US-Houthis conflict report: अमेरिका मार्च 2025 से ही यमन में हूती ठिकानों पर बम बरसा रहा है. ट्रंप ने इसके पीछे का कारण, लाल सागर में अमेरिकी जहाजों पर हमला बताया था. इसके बाद से ही अमेरिका भारी बमबारी कर रहा है. लेकिन दूसरी ओर यमन की राजधानी सना के स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों के मारे जाने की जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मध्य मार्च से अब तक अमेरिका के हवाई हमलों में कम से कम 123 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. इन हमलों में 247 लोग घायल हुए हैं. हाल ही में एक सिरेमिक फैक्ट्री पर हमला हुआ, जिनमें 6 लोगों की जान चली गई. जबकि ट्रंप ने हूतियों को पूरी तरह खत्म करने की चेतावनी दी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया बयान
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, यमन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मध्य मार्च से शुरू हुए अमेरिकी हवाई हमलों में अब तक 123 लोगों की मौत हो चुकी है. 247 अन्य घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है. मंत्रालय का कहना है कि इन हमलों में आम नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया गया है, और दर्जनों परिवार पूरी तरह खत्म हो चुके हैं.
मंत्रालय ने यह भी कहा कि अमेरिका ने सैन्य ठिकानों के साथ-साथ सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर, औद्योगिक इकाइयों और अधिकारियों को भी निशाना बनाया है. रविवार को सना प्रांत में एक सिरेमिक फैक्ट्री पर हुए हमले में 6 लोगों की मौत और 30 के घायल होने की पुष्टि हुई है.
हूती गुट ने हमले को लेकर क्या कहा?
हूती संगठन (अंसारुल्लाह) ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह जानबूझकर नागरिकों और प्रशासनिक अधिकारियों को निशाना बना रहा है. वहीं, हूती गुट से जुड़ी 'अल मसिरा' टीवी ने बताया कि सोमवार को अमेरिका ने मारिब गवर्नरेट पर 15 हवाई हमले किए. इसके बावजूद हूती गुट ने गाजा के समर्थन में अपने स्टैंड को दोहराया और कहा कि इजराइल और अमेरिका को यह समझना होगा कि यमन की जनता फिलिस्तीनियों के साथ खड़ी है.
रविवार को हूती गुट ने दो मिसाइलें इजराइल की ओर दागने और एक ड्रोन हमले का भी दावा किया था. हालांकि, इजरायली सेना ने कहा कि उन्होंने केवल एक मिसाइल को इंटरसेप्ट किया है. हूतियों ने साफ किया कि गाजा पर हो रहे जनसंहार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
हूतियों को खत्म करके ही मानेंगे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यमन में चल रहे सैन्य अभियान को ‘हूती गुट को पूरी तरह खत्म करने का अंतिम प्रयास’ बताया है. अमेरिका ने अपने सैन्य हमलों को Red Sea (लाल सागर) में हूती हमलों और इजराइल की सुरक्षा सुनिश्चित करने से जोड़ा है.
हालांकि हूती गुट का कहना है कि अमेरिकी अभियान पूरी तरह असफल रहा है और वह केवल आम नागरिकों तथा अधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों का उल्लंघन है और इसका यमन की सैन्य क्षमताओं पर कोई असर नहीं पड़ा है.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या अमेरिका हूती ठिकानों को निशाना बना रहा है, या यमन के नागरिकों पर बम बरसा रहा है. बता दें, अमेरिका ईरान पर हूती समर्थक होने का दावा करता है. जबकि दूसरी ओर अमेरिका ईरान पर लगातार न्यूक्लियर डील के लिए दबाव बना रहा है. इन हमलों के पीछे का कारण भी, न्यूक्लियर डील को ही माना जा रहा है.
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