India-Pakistan: अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने की पाकिस्तानी सेना प्रमुख से बात, क्या कहा?

India-Pakistan News: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर से बात की.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : May 10, 2025, 10:07 AM IST
India-Pakistan: अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने की पाकिस्तानी सेना प्रमुख से बात, क्या कहा?

Marco Rubio-Asim Munir Phone Call: भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता बढ़ने के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर से बात की. बताया गया कि यह बातचीत शनिवार को हुई, जब भारत और पाकिस्तान दोनों की ओर से हमले तेज हो गए. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, 'अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने आज सुबह पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर से बात की.' विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि रुबियो ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के अपने आह्वान को दोहराया.

विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने बयान में कहा, 'विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने आज सुबह पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर से बात की. उन्होंने दोनों पक्षों से तनाव कम करने के तरीके खोजने का आग्रह किया और भविष्य में संघर्षों से बचने के लिए बेहतर वार्ता शुरू करने में अमेरिकी सहायता की पेशकश की.' इस पोस्ट को इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी शेयर किया.

मामले पर रुबियो का रुख
गुरुवार को जब दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव बढ़ गया, तो रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी फोन किया था. अमेरिकी विदेश मंत्री ने दोनों देशों से संघर्ष को कम करने का आग्रह किया और 'भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के लिए अमेरिकी समर्थन व्यक्त किया और संचार में सुधार के लिए निरंतर प्रयासों को प्रोत्साहित किया.'

यह ध्यान देने योग्य है कि रुबियो ट्रंप कैबिनेट के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं क्योंकि उनके पास तीन कार्यालय हैं. वह अमेरिकी विदेश सचिव हैं, अमेरिकी विदेशी सहायता के प्रभारी हैं और वर्तमान में कार्यवाहक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी हैं. हालांकि, फोन कॉल और विदेश विभाग की प्रेस ब्रीफिंग के कुछ घंटों बाद, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस एक अलग मैसेज लेकर सामने आए.

रुबियो द्वारा दोनों प्रशासन को दिए गए आह्वान के बाद, विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि वह सभी प्रकार के आतंकवाद के विरुद्ध है.

पाकिस्तान और आंतकवाद
जब एक रिपोर्टर ने ब्रूस से भारत के इस दावे पर विदेश विभाग के रुख के बारे में पूछा कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता है और उसे धन मुहैया कराता है, तो उन्होंने कहा कि अमेरिकी पक्ष भी ऐसी ही भावना रखता है.

गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान इस सवाल के जवाब में ब्रूस ने कहा, 'जाहिर है कि हम दशकों से यही कहते आ रहे हैं और कश्मीर में जो कुछ हुआ वह भयानक था.'

विदेश विभाग के प्रवक्ता 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले का जिक्र कर रहे थे. पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों से जुड़े आतंकवादियों ने पहलगाम में एक पर्यटन स्थल पर घुसपैठ की, जिसमें 26 लोग मारे गए और पूरे भारत में सनसनी फैल गई. इसके तुरंत बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया, जिसके कारण अंततः सैन्य तनाव बढ़ गया है. जहां भारत ने पाकिस्तान के उकसावे का मुंह तोड़ जवाब दिया है.

अपने पोस्ट में जयशंकर ने कहा कि उन्होंने रुबियो से कहा कि भारत की प्रतिक्रिया 'लक्ष्यित और नपी-तुली' रही है और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ काम करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. पोस्ट से ही पता चलता है कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की.

इस बीच, वेंस ने भारत-पाकिस्तान तनाव पर ट्रंप जैसा ही रुख अपनाया और दूरी बनाए रखी. कई लोगों का मानना ​​है कि यह भारत के लिए अच्छी खबर हो सकती है, क्योंकि पिछले संघर्षों में अमेरिका का झुकाव पाकिस्तान की तरफ रहा है.

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