चीन ने अमेरिका पर की आंखे लाल! ट्रंप को हटना पड़ा पीछे, फिलीपींस में रुका मिसाइल टेस्ट

US China Tension: टाइफून सिस्टम को लेकर चीन ने कई बार आपत्ति जताई है, जिसको लेकर अमेरिका ने फिलहाल इसके परीक्षण पर रोक लगा दी है. अमेरिकी सेना का बयान उस समय आया है, जब अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, अगले सप्ताह फिलीपींस दौरे पर जाने वाले हैं.

Written by - Prashant Singh | Last Updated : Mar 25, 2025, 12:28 PM IST
  • चीन ने टाइफून की तैनाती पर जताई थी आपत्ति
  • अमेरिकी सेना ने बयान जारी कर रोका परीक्षण
चीन ने अमेरिका पर की आंखे लाल! ट्रंप को हटना पड़ा पीछे, फिलीपींस में रुका मिसाइल टेस्ट

US China Tension: दक्षिणी चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच तनाव बरकरार है. जिसको लेकर दोनों देशों के बीच, विवादित स्थलों को लेकर कई बार तनातनी हुई है. वहीं चीन ने फिलीपींस में तैनात अमेरिकी टाइफून मिसाइल सिस्टम को लेकर कई बार आपत्ति जताई थी, जिसको लेकर अमेरिकी सेना ने बयान जारी कर बताया है, अमेरिका अगले सैन्य युद्धाभ्यास में मिसाइल परीक्षण नहीं करेगा. यह बयान तब आया है जब अमेरिकी रक्षा सचिव अगले हफ्ते फिलीपींस के मनीला दौरे पर जाने वाले हैं. वहीं दूसरी ओर ट्रंप ने बयान जारी कर कहा है कि हम चीन से कोई संभावित युद्ध नहीं चाहते, लेकिन ऐसी कोई स्थिति बनती है तो हम पूरी तरीके से तैयार हैं.

अमेरिका ने रोका मिसाइल परीक्षण
फिलीपींस में चीन से लगती सीमा की ओर, अमेरिकी मध्यम दूरी की मिसाइल टाइफून तैनात है, जिसको लेकर चीन ने कई बार विरोध दर्ज कराया है. चीन का मानना है कि इस मिसाइल की तैनाती से क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है. ऐसे में, अमेरिका सेना ने एक बयान जारी कर बताया है कि ‘वह अपने आगामी वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान, फिलीपींस में तैनात रणनीतिक मिसाइल सिस्टम का लाइव-फायर परीक्षण नहीं करेगा’.

पिछले सप्ताह अमेरिकी सेना के, प्लानिंग एंड टेस्टिंग के डिप्टी चीफ जेफरी वानएंटवर्प ने कहा था, ‘फिलहाल हम फिलीपींस में लाइव फायरिंग करने की योजना नहीं बना रहे हैं’

वहीं पेंटागन के एक बयान के अनुसार, अमेरिकी सेना का यह बयान तब आया है, जब अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ इस सप्ताह फिलीपींस के मनीला जा रहे हैं, जिनका मकसद फिलीपींस के नेताओं के साथ सुरक्षा उद्देश्यों को आगे बढ़ाना है. बता दें कि दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस और चीन के बीच लंबे समय से तनाव है.

चीन ने जताई थी आपत्ति
चीनी रक्षा मंत्रालय, शुरू से ही चेतावनी देता आया है कि फिलीपींस में तैनात टाइफून सिस्टम एक ‘आक्रामक हथियार’ है. जिसके चलते क्षेत्र में जियो-पॉलिटिकल टकराव और तनाव दोनों बढ़ गए हैं. जिसको लेकर चीन ने आपत्ति जताई थी.

वहीं दूसरी ओर चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना अधिकार जताता है. जिस पर उसने कृत्रिम द्वीप बनाकर चीनी सैन्य अड्डे बनाए हैं. जिसका फिलीपींस, वियतनाम और मलेशिया सहित कई पड़ोसी देश विरोध जताते हैं. हाल के वर्षों में देखा जाए तो, चीन और फिलीपींस के बीच तनाव अधिक बढ़ गया है. कई बार दोनों देशों की सेनाओं के बीच, विविदित जल क्षेत्रों को लेकर तनातनी भी देखने को मिली है.

कहां तैनात है अमेरिकी टाइफून?
लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित इस टाइफून सिस्टम को लगभग एक साल पहले, सालाकनिब 2024 सैन्य अभ्यास के हिस्से के रूप में फिलीपींस लाया गया था, लेकिन इसे फायर नहीं किया गया.

वहीं रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2024 में टाइफून बैटरियों और उसके अन्य गियर्स को फिलीपींस लाया गया. जिसे लुईस-मैककॉर्ड से अमेरिकी वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर की मदद से उत्तरी लूजोन में एक अज्ञात क्षेत्र में तैनात किया गया है.

बता दें कि टाइफॉन मिसाइल सिस्टम 2,000 किमी (1,240 मील) तक की रेंज वाली, टॉमहॉक लैंड-अटैक क्रूज मिसाइलों और SM-6 एयर डिफेंस मिसाइलों को लॉन्च करने में सक्षम है. जिससे विवादित दक्षिण चीन सागर का लगभग पूरा हिस्सा, साथ ही ताइवान और चीन के कुछ मुख्य हिस्से इसे रेंज में आसानी से आ सकते हैं.

टाइफून को हटाने पर संशय बरकरार
चीन के लगातार विरोध के बावजूद अभी भी टाइफून को हटाने पर संशय बरकरार है. अमेरिका ने केवल इसे फायर न करने को लेकर बयान जारी किया है. जबकि चीन चाहता है कि इसे पूरे तरीके से हटा दिया जाए. वहीं आगामी 28-29 मार्च को, अमेरिकी रक्षा सचिव अपने समकक्ष गिल्बर्टो टेओडोरो और राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के साथ मुलाकात करेंगे. जिसके बाद टाइफून को लेकर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह चीन के साथ युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन अमेरिकी सेना पूरी तरह से तैयार है, ट्रंप ने ओवल ऑफिस से कहा, ‘हम चीन के साथ संभावित युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि अगर ऐसा हुआ, तो हम इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं’

ऐसे में कयास लगाया जा सकता है कि अमेरिका फिलहाल टाइफून को हटाने वाला नहीं है, बल्कि वह चीन के खिलाफ इसका रणनीतिक इस्तेमाल कर सकता है.

 

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