Space Death: अंतरिक्ष यात्रा में तमाम तकनीकी की उपलब्धियों के बाद भी काफी जोखिम भरा काम है. NASA और दूसरी एजेंसियां हर होने वाली स्थितियों के लिए तैयार रहती हैं. यहां तक कि किसी साथी की मौत की स्थिति के लिए भी उन्हें क्या करना है.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मौत
अगर किसी की मौत International Space Station पर हो जाती है तो आम तौर पर शव को ठंडी जगह पर सुरक्षित रखा जाता है. इसके बाद उसे कुछ घंटों या दिनों में एक स्पेशल कैप्सूल के जरिए वापस धरती पर भेज दिया जाता है.
बता दें कि NASA ने कभी कभी कुछ और करने जैसे कि शव को अंतरिक्ष में छोड़ने या कक्षा में स्पेस बुरियल करने के बारे में भी सोचा है. हालांकि ये तरीका कानूनी और पर्यावरण के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है. इसलिए सबसे सुरक्षित तरीका यही माना जाता है कि शव को पृथ्वी पर लाया जाए ताकि सामान्य अंतिम संस्कार किया जा सके.
चांद पर मौत की स्थिति
अगर किसी मौत चांद मिशन के दौरान होती है, तो अंतरिक्ष यात्री का शव कुछ ही दिनों में वापस लाया जा सकता है. यात्रा छोटी होने के कारण शरीर को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने की जरूरत नहीं होती है. हालांकि, चांद की सतह पर दफनाने का विचार वैज्ञानिक रूप से सही नहीं माना जाता है, क्योंकि इससे चांद को पृथ्वी के जीवाणुओं से प्रदूषित होने का बड़ा खतरा रहता है.
मंगल ग्रह पर चुनौती
मंगल मिशन में यह स्थिति सबसे मुश्किल होती है. पृथ्वी से मंगल की यात्रा आने जाने में कई साल लगते हैं. इसलिए शव को वापस लाना संभव नहीं होता है. NASA ने ऐसे हालात के लिए स्पेशल बॉडी बैग्स और अलग कक्ष बनाने की योजना बनाई है, यहां पर तापमान और नमी कंट्रोल में रखी जा सके ताकि शरीर ज्यादा समय तक सुरक्षित रह सके.
मंगल ग्रह पर दफनाना या जलाना दोनों ही तरीका बायोलॉजिकल कंटैमिनेशन यानी संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकते हैं. इसलिए शव को तब तक सुरक्षित रखना ही सही उपाय होगा, जब तक टीम वापस पृथ्वी न आए.
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