Alien Enemies Act: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने सत्ता में आते ही अपने फैसले से दुनिया को चौंका दिया है, चाहे वह टैरिफ वॉर हो या अमेरिकी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजना. इसी बीच ट्रंप एक ऐसे एक्ट का इस्तेमाल कर वेनेजुएला के एक कथित गैंग के सदस्यों को देश से बाहर निकालने पर जोर दिया था. जिसको लेकर अमेरिका की एक अदालत ने अस्थायी रूप से ट्रंप को Alien Enemies Act (1798) का उपयोग करने पर रोक लगा दी है. इस मामले को लेकर ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अमेरिका को 'आक्रमण' का सामना करना पड़ रहा है, जो इस युद्धकालीन कानून के उपयोग को उचित ठहराता है. लेकिन अदालत ने इस पर सवाल उठाते हुए रोक लगा दी है. यह ट्रंप प्रशासन के Immigration policy के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.
Alien Enemies Act (1798) क्या है?
यह अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और आप्रवासन से जुड़े सबसे पुराने कानूनों में से एक है. इसे 1798 में फ्रांस-अमेरिका तनाव के दौरान पास किया गया था. यह कानून राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि किसी न्यायिक प्रक्रिया के बिना, युद्ध के समय या दुश्मन देश के नागरिकों को हिरासत में ले सकते हैं या निर्वासित कर सकते हैं.
अमेरिकी इतिहास में इसे केवल घोषित युद्ध के समय इस्तेमाल किया गया है, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1,20,000 से अधिक जापानी-अमेरिकियों को इस कानून के तहत हिरासत में ले लिया गया था. हालांकि, अब तक इसे कभी भी शांति काल में इस्तेमाल नहीं किया गया था.
ट्रंप ने इस कानून का इस्तेमाल क्यों किया?
ट्रंप ने इस कानून के तहत Tren de Aragua, वेनेजुएला के कुख्यात आपराधिक संगठन को निशाना बनाया है. उन्होंने इसे एक ‘आक्रमणकारी ताकत’ बताया और कहा कि यह गैंग अमेरिका में ‘अनियमित युद्ध’ चला रहा है.
इसी मामले को लेकर ट्रंप का कहना है, "मैं एलियन एनिमीज एक्ट 1798 को लागू करके, अपनी सरकार को निर्देश दूंगा कि वह संघीय और राज्य कानून प्रवर्तन की पूरी और असीम शक्ति का उपयोग करके, अमेरिकी धरती पर विनाशकारी अपराध लाने वाले सभी विदेशी गिरोहों और आपराधिक नेटवर्कों की उपस्थिति को समाप्त करे. लेकिन कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि एक अपराधी संगठन को ‘आक्रमणकारी शक्ति’ कहना कानूनी रूप से अस्थिर दलील है, क्योंकि यह कानून अब तक केवल युद्धकाल में ही लागू हुआ है.
न्यायिक चुनौती और अदालत का फैसला
वहीं ट्रंप के आदेश के तुरंत बाद, अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज जेम्स बोसबर्ग ने इस पर 14 दिन की अस्थायी रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि इतिहास में यह कानून केवल तब लागू हुआ है, जब अमेरिका को किसी विदेशी देश से सीधा खतरा हुआ हो. न्यायालय के फैसले के बाद, व्हाइट हाउस ने इसका विरोध किया. प्रेस सचिव करोलिन लीविट ने कहा, 'किसी एक शहर का जज, किसी विमान की गतिविधियों को निर्देशित नहीं कर सकता, जो विदेशी आतंकवादियों से भरा हुआ हो, जिन्हें अमेरिकी धरती से शारीरिक रूप से निष्कासित कर दिया गया था।'
क्या यह राष्ट्रपति की शक्ति का दुरुपयोग है?
इस कदम ने अमेरिका में राष्ट्रपति की शक्तियों को लेकर तीखी बहस छेड़ दी है. ट्रंप और उनके समर्थकों का कहना है कि यह आपराधिक गिरोहों के खिलाफ ‘युद्ध’ है, जबकि कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह शांति काल में युद्धकालीन शक्तियों का अनुचित उपयोग करने का प्रयास है.
Brennan Center for Justice ने इसे ‘संवैधानिक दुरुपयोग’ करार देते हुए कहा, 'शांति काल में इस कानून का उपयोग करना, पारंपरिक आप्रवासन कानूनों को दरकिनार करने का प्रयास है.'
इसके अलावा, कांग्रेस के शोध विभाग Congressional Research Service ने भी इस पर चिंता जताई है और कहा कि 'इस कानून का इस्तेमाल ऐतिहासिक और कानूनी परंपराओं के खिलाफ है.' कुछ सांसदों ने इस कानून को पूरी तरह से हटाने की मांग की है. सांसद इल्हान ओमर और सेनेटर माजी हिरोनो ने ‘Neighbors Not Enemies Act’ नामक बिल पेश किया है, जिससे यह कानून समाप्त किया जा सके.
वर्ल्ड वॉर में Alien Enemies Act का इस्तेमाल
इतिहास बताता है कि इस कानून का उपयोग युद्ध के दौरान दुश्मन देशों के नागरिकों पर किया गया था, न कि आम अपराधियों या प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई का इस्तेमाल करने के लिए किया गया है. प्रथम विश्व युद्ध में राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने जर्मन नागरिकों को हिरासत में लिया था. वहीं द्वितीय विश्व युद्ध में राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने इटली, जर्मनी और जापान के नागरिकों पर लागू कर उन्हें हिरासत में लिया था.
हालांकि जापानी-अमेरिकियों की हिरासत को बाद, इस कानून के इस्तेमाल को भयावह अन्याय करार दिया गया. अब सवाल उठता है कि क्या ट्रंप इसे शांति काल में अपराध नियंत्रण के लिए उपयोग कर सकते हैं?
Alien Enemies Act को लेकर आगे क्या होगा?
अदालत में इस कानून के उपयोग की वैधता पर बहस जारी है. शुक्रवार को अगली सुनवाई में ट्रंप प्रशासन अपने पक्ष को और मजबूत करने की कोशिश करेगा. अगर अदालत ने इसे असंवैधानिक ठहराया, तो ट्रंप की Immigration Policy को एक बड़ा झटका लग सकता है.
ऐसे में क्या ट्रंप प्रशासन द्वारा, युद्धकाल के कानून को शांति काल में प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है? इस सवाल का जवाब अमेरिकी अदालत और राजनीति में आने वाले समय में तय होगा.
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