What is Doomsday plane: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के साथ चल रहे तनाव के बीच ईरान को बिना शर्त सरेंडर करने को कहा है, वरना खतरनाक अंजाम भुगतने की धमकी दी है. इसी बीच अमेरिका के 'डूम्सडे प्लेन' (Doomsday planes) में से एक को मंगलवार रात वाशिंगटन, डीसी में ज्वाइंट बेस एंड्रयूज के लिए उड़ान भरते देखा गया.
इस उड़ान ने इस बारे में नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या वाशिंगटन संभावित पूर्ण पैमाने पर संघर्ष के लिए तैयार हो रहा है?
इजरायल ने पिछले कुछ दिनों में ईरान पर कई बड़े हमले किए, उसकी परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया, जिसके पक्ष में अमेरिका भी है. कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि ईरान पर हमले के पहले ट्रंप ने ही आदेश दिए थे, लेकिन फिलहाल फाइनल कॉल ट्रंप द्वारा नहीं दी गई है. दूसरी ओर जवाब में ईरान के सर्वोच्च नेता ने एक नई चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि अगर अमेरिका कोई हमला करता है तो उसे कड़ी जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
यह स्थिति ट्रंप और विश्व के लिए कठिन स्थिति पैदा कर रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि अन्य देश ये भी नहीं चाहेंगे कि अमेरिका किसी युद्ध में शामिल हो या वे इसी समय ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के अपने लक्ष्य के बीच संतुलन बनाने की भी कोशिश करेंगे.
लेकिन 'डूम्सडे प्लेन' आखिर है क्या? इसकी तैनाती कितनी खतरनाक है? और क्या इसका मतलब यह है कि अमेरिका युद्ध की तैयारी कर रहा है?
Boeing E-4B Nightwatch: 'Doomsday प्लेन' के बारे में सब कुछ
'डूम्सडे प्लेन' के नाम से भी जाना जाने वाला E-4B नाइटवॉच ने मंगलवार को लुइसियाना से मैरीलैंड के लिए अचानक उड़ान भरने के बाद ध्यान आकर्षित किया.
यह विमान राष्ट्रपति, रक्षा सचिव और संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के लिए एक हवाई कमांड सेंटर के रूप में कार्य करता है, जो उन्हें संकट के दौरान सुरक्षित संचार और समन्वय बनाए रखने में मदद करता है. ऐसा कैसे? आइए जानते हैं बड़ी बात
यह विमान बॉसियर सिटी से पूर्वी समयानुसार शाम 5:56 बजे उड़ा, समुद्र तट के किनारे उड़ा, वर्जीनिया-उत्तरी कैरोलिना सीमा के पास चक्कर लगाया, तथा रात 10:01 बजे ज्वाइंट बेस एंड्रयूज पर उतरा.
यह उड़ान चार घंटे से कुछ ज्यादा समय तक की रही, लेकिन इसको आसमान में देख ऑनलाइन अटकलें लगाई जाने लगीं. खास तौर पर इसलिए क्योंकि इसमें ORDER01 का कॉलसाइन इस्तेमाल किया गया था, जो इसके सामान्य कोड ORDER6 से अलग था.
प्रत्येक E-4B में 112 लोग सवार हो सकते हैं और इसकी उड़ान रेंज 7,000 मील से ज्यादा है.
अमेरिकी वायु सेना के लिए इसका महत्व इसकी अनूठी विशेषताओं में जुड़ा है, जो किसी भी अन्य अमेरिकी सैन्य विमान से बेजोड़ हैं.
यह प्लेन परमाणु विस्फोटों, साइबर खतरों और इलैक्ट्रिक हस्तक्षेप से सेफ है. यह विमान आवश्यकता पड़ने पर जवाबी हमले करने में भी सक्षम है.
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, इसमें तापीय और परमाणु प्रभावों को झेलने के लिए सुरक्षा कवच है तथा यह अपने डोम के अंदर 67 सैटेलाइट रिसीवरों और एंटेना का उपयोग करके दुनिया के किसी भी हिस्से के साथ संचार बनाए रख सकता है. इसलिए हवा में भी अधिकारी यहां बैठकर सेफ तरीके से कुछ भी कर सकते हैं.
कई दिनों तक बिना उतरे उड़ेगा
विमान को बिना उतरे एक सप्ताह तक उड़ान भरने के लिए डिजाइन किया गया है और यह हवा में ईंधन भरने में सक्षम है. E-4B द्वारा सबसे लंबी निरंतर उड़ान 35.4 घंटे की है.
इसके इंटीरियर में 18 बेड, ब्रीफिंग के लिए एक कमरा, समन्वय और चर्चा के लिए क्षेत्र, एक कमांड स्पेस और आराम क्षेत्र शामिल हैं, जो तीन स्तरों पर फैले हैं, जो इसे आपात स्थिति के दौरान 'फ्लाइंग पेंटागन' में बदल देते हैं.
E-4B का इस्तेमाल बड़ी घटनाओं के दौरान किया गया है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने 9/11 के हमलों के बाद इसी तरह के विमान में उड़ान भरी थी और 1995 में फेमा (फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी) के अधिकारियों ने तूफान ओपल के दौरान इसी विमान में यात्रा की थी.
विमान की उपस्थिति को अक्सर अमेरिका से जुड़ी किसी गंभीर घटना के संकेत के रूप में देखा जाता है.
हालांकि चार E-4B का बेड़ा नियमित रूप से तैयार रहने के लिए आसमान में उड़ान भरता है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि यह विशेष मिशन पश्चिम एशिया में लंबे समय तक युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच राष्ट्रपति के लिए बढ़ती सुरक्षा चिंताओं से संबंधित हो सकता है. ट्रंप भी अक्सर ये बात कह रहे हैं कि वह कुछ बड़ा करने जा रहे हैं, और वो क्या होगा, यह सिर्फ उन्हें ही पता है.
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