Pakistan FATF Grey List: पाकिस्तान की कमर तोड़ने के लिए भारत हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. पहले तो पाक पर कई तरह के प्रतिबंध लागू किए और अब आतंक के आका को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में शामिल करवाने की तैयारी कर रहा है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत, पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डालने के लिए कड़ा दबाव डालेगा. इसको लेकर जून 2025 में एक बैठक प्रस्तावित है, यहां भारत मजबूती से अपना पक्ष रख सकता है.
FATF की ग्रे लिस्ट क्या है?
सबसे पहले तो ये जान लें कि FATF की दो लिस्ट होती हैं, ग्रे और ब्लैक. अब ब्लैक लिस्ट में वे देश आते हैं, जो आतंकियों को फंडिंग करते हैं, मनी लॉन्ड्रिंग करते हैं और FATF के नियमों को नहीं मानते हैं. जबकि ग्रे सूची में वे देश हैं, जो आतंकियों की फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में नाकाम हैं. अब पाकिस्तान को भारत ग्रे लिस्ट में लाने की कोशिश कर रहा है.
FATF की ग्रे लिस्ट में आने से क्या होगा?
FATF की ग्रे लिस्ट में आने से पाकिस्तान को आगे से IMF, वर्ल्ड बैंक या एशिया डेवलपमेंट बैंक लोन या मदद नहीं मिलेगी. यदि मिलेगी भी तो बहुत पापड़ बेलने पड़ेंगे. इसके अलावा, बाहर के निवेशक पाक में इन्वेस्ट करने से बचेंगे, इससे देश की आर्थिक स्थिति गर्त में जाती जाएगी. पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू डॉलर के मुकाबले लगातार गिर सकती है. व्यापारिक गतिविधियों में बड़ी बाधाएं झेलनी पड़ सकती हैं.
पाकिस्तान को सालाना 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ
पाकिस्तान इससे पहले भी 2018 से 2022 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रह चुका है. उस दौरान उसके विदेशी निवेश में कमी आई. वित्तीय लेनदेन में कठिनाई हुई. भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव झेलना पड़ा. तब ग्रे लिस्ट में आने से पाकिस्तान को सालाना 10 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ. अब यदि पाकिस्तान फिर इस लिस्ट में आ जाए तो सालों तक उसकी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी.
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