Boycott Turkiye: ड्रोन-ड्रोन खेल रहे थे एर्दोगन, भारत करे ये एक फैसला; तुर्की को सीधे ₹22,000 करोड़ का होगा नुकसान!

भारत तुर्किए से भारी मात्रा में सामान खरीदता है. जिसमें खनिज ईंधन से लेकर फल तक शामिल हैं. भारत अगर न खरीदने का फैसला लेता है, तो तुर्की को भारी आर्थिक नुकसान होगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 14, 2025, 11:10 PM IST
  • तुर्किए से भारत सलाना 2.2 लाख करोड़ का खरीदता है सामान
  • तनाव के बीच पाक ने तुर्किए निर्मित ड्रोन का किया था इस्तेमाल
Boycott Turkiye: ड्रोन-ड्रोन खेल रहे थे एर्दोगन, भारत करे ये एक फैसला; तुर्की को सीधे ₹22,000 करोड़ का होगा नुकसान!

Boycott Turkiye trending in india: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच खामखा तुर्की कूद पड़ा. भारत को तुर्की से न कोई गिला था न शिकवा. फिर भी एर्दोगन तुर्रम खां बनने की कोशिश करने लगे. दरअसल, 8-10 मई के बीच पाकिस्तान ने ड्रोन अटैक की कोशिशें की. जिसे भारतीय सेना ने हवा में ही मार गिराया. शुरुआती जांच में पाया गया कि ये ड्रोन तुर्किए निर्मित हैं. यह खबर देशभर में आग की तरह फैल गई. आज हालात कुछ यूं हैं कि बड़े पैमाने पर तुर्किए का बायकॉट हो रहा है. रेहड़ी वालों से लेकर व्यापारी तक तुर्किए से आयातित सामानों को बेचने से मना कर रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत आखिर कौन सा फैसला कर ले, जिससे तुर्की को सीधे तौर पर 22 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा. साथ में यह भी जानते हैं कि भारत तुर्किए से क्या-क्या सामान खरीदता है. एक नजर आकंड़ो पर...

भारत-तुर्की के बीच पुराना व्यापारिक संबंध
भारत-तुर्किए के बीच व्यापारिक संबंध काफी पुराना है. हालांकि, कई बार इनमें उतार चढ़ाव देखने को मिला है. आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में भारत तुर्किए से 3.7 US बिलियन डॉलर, तो वहीं साल 2013 में मात्र 872 मिलियन डॉलर का सामान खरीदा.

भारत की तुर्की से संबंध बनाए रखने की कोशिश हमेशा दोस्ताना रही है. यही वजह है कि जब तुर्की में फरवरी 2023 में विनाशकारी भूकंप आया, तब भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' चलाया. जिसके तहत बड़े तादात में मदद भेजा गया. हालांकि, पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच तुर्किए का असली चेहरा खुलकर सामने आया. तुर्की ने न केवल अपने ड्रोन इस्तेमाल करने की इजाजत दी, बल्कि पाकिस्तान का खुलेआम समर्थन भी किया. जबकि भारतीय सेना की कार्रवाई आतंक के खिलाफ थी.

तुर्किए से भारत क्या-क्या खरीदता है?
इंटरनेशनल ट्रेड पर मौजूद UN COMTRADE के डेटाबेस के मुताबिक, तुर्किए से भारत बड़े पैमाने पर सामान खरीदता है. इसके लिए सलाना कई बिलियन डॉलर का भुगतान भी करता है. ऐसे में आइए उन मुख्य प्रोडक्ट्स के बारे में जानते हैं, जिसके लिए साल 2024 में ही 2.3 बिलियन डॉलर से ज्यादा का पेमेंट करना पड़ा.

1. भारत तुर्किए से खनिज ईंधन, तेल, आसवन उत्पादों (distillation products) यानी बैटरी पानी, अल्कोहलिक, गैसोलीन जैसे तरल पदार्थ खरीदता है. जिसके लिए साल 2024 में करीब 634.82 मिलियन डॉलर का भुगतान किया गया.

2. भारत तुर्किए से मोती, कीमती पत्थर, धातु और सिक्का भी खरीदता है. इसके लिए केवल 2024 में 274.91 मिलियन डॉलर खर्च करना पड़ा.

3. इतना ही नहीं, भारत मशीनरी, परमाणु रिएक्टर और बॉयलर जैसे प्रोडक्ट भी खरीदता है. जिसके लिए 2024 में 264.49 मिलियन डॉलर खर्च करना पड़ा है.

4. नमक, सल्फर, स्टोन्स, प्लास्टर, चूना और सीमेंट भी खरीदता है. जिसके लिए साल 2024 में 258.99 मिलियन डॉलर भुगतान किया गया.

5. वहीं, अकार्बनिक केमिकल्स, कीमती मेटल कंपाउंड्स, आइसोटोप जैसे प्रोडक्ट्स भी भारत में आयातित होता है. इसके लिए साल 2024 में 161.41 मिलियन डॉलर तुर्की को देना पड़ा है. इसके अलावा, भारत बड़ी मात्रा में फल, मेवे, प्लास्टिक, आयरन, स्टील, इलेक्ट्रॉनिक सामान भी खरीदता है. जिसके लिए साल 2024 में कुल 2.3 बिलियन डॉलर का भुगतान किया गया है.

तुर्किए को कितना होगा नुकसान?
ड्रोन अटैक में तुर्की की संलिप्तता के बाद भारतीयों में काफी रोष है. सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में तुर्की जाने वाले 50% भारतीयों ने अपनी फ्लाइट टिकट कैंसिल कर दी है.

ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत हर साल तुर्किए से कई बिलियन डॉलर का प्रोडक्ट खरीदता है. पिछले 5 साल में भारत ने तुर्किए से 13.02 बिलियन डॉलर के सामान खरीदे हैं. अगर इन आंकड़ों का औसत निकाला जाए तो यह करीब 2.6 बिलियन डॉलर सालाना होते हैं. 14 मई 2025 को एक डॉलर की कीमत देखी जाए तो यह 85 रुपए के करीब हैं. यानी भारत हर साल तुर्किए से 2.21 लाख करोड़ रुपए का सामान खरीदता है. 

अगर आज भारत एक कड़ा फैसला लेता है, और तुर्की की मौकापरस्ती को देखते हुए पूरी तरीके से व्यापार बंद कर देता है. तो यह तुर्किए के लिए भारी नुकसान होगा. यह तो महज व्यापारिक तौर पर बायकॉट है. टूरिज्म सेक्टर में भी तुर्किए भारतीयों से बड़ा मुनाफा कमाता है.

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