Who is Eli Cohen: इजरायल के पास दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक 'MOSSAD' है. मोसाद में ऐसे-ऐसे जासूस हुए हैं, जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर खतरनाक मिशनों को अंजाम दिया. जब भी मोसाद के जासूसों की बात होती है, सबसे पहले 'एली कोहेन' (Eli Cohen) का नाम आता है. अब इजरायल ने एक ऑपरेशन के जरिये अपने टॉप के जासूस एली कोहेन से जुड़ीं 2,500 से ज्यादा वस्तुएं सीरिया से हासिल की हैं.
एली कोहेन की पत्नी से मिले नेतन्याहू
इसी रविवार यानी 18 मई को एली कोहेन की मौत को पूरे 60 साल हो गए. तब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एली कोहेन की पत्नी नादिया कोहेन को उनकी आखिरी निशानियों के तौर पर आर्काइव सौंपा. इसके बाद से ही इजरायल का हीरो एली कोहेन एक बार फिर चर्चा में आ गया है.
एली कोहेन की कौनसी चीजें मिलीं?
इजरायल को एली कोहेन के लिखे हुए पत्र, उनके द्वारा खींची गई तस्वीरें, स्पाई एक्टिविटीज से जुड़े डॉक्यूमेंट, सीरिया द्वारा से जब्त की गई फाइलें, पासपोर्ट, नकली आइडेंटिटी कार्ड, घर की चाबियां और पत्नी नादिया कोहेन की ओर से अलग-अलग देशों के नेताओं को लिखे हुए लेटर मिले.
क्यों याद किए जाते हैं एली कोहेन?
एली कोहेन मोसाद के सबसे कामयाब जासूस माने जाते हैं. उनकी कामयाबी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 1960 के दशक के प्रारंभ में वह सीरिया की दिग्गज नेताओं के करीबी हो गए थे. यहां तक कि वहां के रक्षा मंत्री के एडवाइजर भी बन गए थे. 1967 के युद्ध में इजरायल ने सीरिया के खिलाफ जीत दर्ज की, ऐसा एली कोहेन द्वारा भेजी गई जानकारियों से ही संभव हो पाया. साल 2019 में 'द स्पाई' नाम से एली कोहेन पर सीरीज भी बनी.
जब पकड़े गए और हो गई फांसी
जनवरी, 1965 में एली कोहेन द्वारा भेजे जा रहे रेडियो सिग्नल के बारे में पहली बार सीरिया के काउंटर-इंटेलीजेंस अफसरों को खबर लगी. उन्होंने जाल बिछाया और एली को रंगे हाथ पकड़ लिया. 18 मई, 1965 को एली कोहेन को दमिश्क के एक चौक पर सार्वजनिक रूप से फांसी दी गई.
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