ट्रंप का NSA कौन, जो बना व्हाइट हाउस का 'भेदी'! इनकी मिस्टेक से लीक हुआ हूती अटैक प्लान

Who is Mike Waltz: अमेरिका की राजनीति में एक पत्रकार के सनसनीखेज दावे के बाद हड़कंप मच गया है. द अटलांटिक के पत्रकार जेफरी गोल्डबर्ग ने दावा किया है कि उन्हें हूती विद्रोहियों पर होनी वाले अटैक की खबर पहले से ही थी. ट्रंप प्रशासन की एक गलती के कारण पत्रकार गोल्डबर्ग को पूरी सूचना पहले ही लग गई थी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 25, 2025, 10:03 AM IST
  • अमेरिका के NSA का नाम माइकल वाल्ट्ज
  • पहले सेना में भी रह चुके हैं माइकल वाल्ट्ज
ट्रंप का NSA कौन, जो बना व्हाइट हाउस का 'भेदी'! इनकी मिस्टेक से लीक हुआ हूती अटैक प्लान

Who is Mike Waltz: अमेरिका ने कुछ दिन पहले ही यमन में हूती विद्रोहियों पर अटैक किया था. अब इसको लेकर एक अमेरिकी पत्रकार ने दावा किया है कि उन्हें इस अटैक के बारे में पहले से जानकारी थी. द अटलांटिक के पत्रकार जेफरी गोल्डबर्ग का दावा है कि उन्हें सिग्नल ऐप के एक चैट ग्रुप में गलती से जोड़ दिया गया और यहां पर हूतियों पर अटैक को लेकर प्लान डिस्कस हो रहा था. इस दावे ने अमेरिका की सियासत में भूचाल ला दिया है. अब सुरक्षा सावधानियों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.

पत्रकार को इस ग्रुप में जोड़ा किसने?
SCMP की  रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकार जेफरी गोल्डबर्ग को जिस ग्रुप चैट में जोड़ा गया. उसमें ट्रंप प्रशासन के बड़े अधिकारी जैसे- रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज, अमेरिकी खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड शामिल थे. उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस भी इस ग्रुप का हिस्सा थे. 'हूती पीसी स्मॉल ग्रुप' में पत्रकार गोल्डबर्ग को USA के NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) माइक वाल्ट्ज ने जोड़ा था.

माइक वाल्ट्ज पर लग रहे ये आरोप
NSA माइक वाल्ट्ज की एक छोटी से गलती के कारण ट्रंप प्रशासन की कड़ी आलोचना हो रही है. डेमोक्रेटिक सांसदों ने मांग की कि इस मामले की जांच हो, क्योंकि संवेदनशील सैन्य जानकारी को एक मैसेजिंग ऐप पर चर्चा करना और उसमें एक पत्रकार को शामिल करना संघीय कानूनों का उल्लंघन हो सकता है. यह भी बताया जा रहा है कि वाल्ट्ज ने कुछ संदेशों को एक सप्ताह बाद ऑटोमेटिक डिलीट होने के लिए सेट किया था, जो सरकारी रिकॉर्ड संरक्षण से संबंधित नियमों के खिलाफ है.

इस्तीफा भी देना पड़ सकता है
पॉलिटिको की रिपोर्ट बताती है कि व्हाइट हाउस के अंदर भी इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी है. दो वरिष्ठ अधिकारियों ने सुझाव दिया कि वाल्ट्ज को इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि राष्ट्रपति ट्रंप के लिए मुश्किलें न खड़ी हों. एक अधिकारी ने कहा, 'NSA के पद पर रहने वाले व्यक्ति से लापरवाही की अपेक्षा नहीं की जा सकती. एक अन्य सूत्र ने तो वाल्ट्ज को 'बेवकूफ' तक कह डाला. इस विवाद के बीच भी व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप को अब भी वाल्ट्ज और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम पर पूरा भरोसा है.

कौन हैं माइक वाल्ट्ज?
अमेरिका के NSA का पूरा नाम माइकल वाल्ट्ज है. वह पूर्व में सेना विशेष बल (Army Special Forces) के अधिकारी रह चुके हैं. इससे पहले, वाल्ट्ज 2019 से 2025 तक फ्लोरिडा के छठे कांग्रेसनल जिले से House of Representatives के सदस्य रहे. वह अमेरिकी कांग्रेस में चुने जाने वाले पहले आर्मी स्पेशल फोर्सेज सैनिक हैं. वाल्ट्ज ने अमेरिकी सेना और नेशनल गार्ड में 27 साल तक सेवा दी. विशेष बल अधिकारी के रूप में वाल्ट्ज ने अफगानिस्तान, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में कई युद्ध अभियानों में हिस्सा लिया. अपनी वीरता और सेवा के लिए उन्हें चार ब्रॉन्ज स्टार से सम्मानित किया गया.

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