Joe Biden का शपथ समारोह क्यों पड़ रहा फीका? जानिए सुरक्षा के हर एक पहलू

आम तौर पर तो अमेरिका के राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण भव्य होता है. पूरी दुनिया की नजर इस शपथ समारोह पर होती है, लेकिन इस बार इस शपथ ग्रहण समारोह पर ग्रहण भी लगता दिख रहा है. कोरोना और सुरक्षा वजहों से कई कार्यक्रम में बदलाव हुए हैं, तो कुछ परंपरा तो तोड़ ट्रंप ने भी इस समारोह को फीका करने की पूरी कोशिश की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 20, 2021, 08:24 PM IST
  • अमेरिका में यह एक नया दिन है: बाइडन
  • जो बाइडन का शपथ ग्रहण समारोह
  • शपथ से पहले बाइडन ने किया ट्वीट
Joe Biden का शपथ समारोह क्यों पड़ रहा फीका? जानिए सुरक्षा के हर एक पहलू

नई दिल्ली: अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति का शपथ समारोह वैसे तो बेहद खास है, लेकिन पहले के समारोहों से इस बार का शपथ समारोह बहुत अलग भी होगा. एक तरफ कोविड 19 की मार ने अमेरिका को काफी नुकसान पहुंचाया, तो दूसरी ओर कुछ हफ्ते पहले अमेरिकी संसद पर अपने ही लोगों के हमले से हालात बिल्कुल बदल गए हैं. इसकी वजह से जो बाइडन के शपथ समारोह में कुछ बदलाव किए गए हैं.

शपथ से पहले बाइडेन का ट्वीट

वहीं शपथ से पहले राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने ट्वीट किया और लिखा कि 'It’s a new day in America' यानी अमेरिका में यह एक नया दिन है.

जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह में सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच मेहमानों की सूची काफी छोटी कर दी गई है. शपथ ग्रहण समारोह में वैसे तो 2 हजार लोग शामिल होंगे, लेकिन मुख्य हॉल में 200 लोग ही जाएंगे. समारोह में  शामिल होने वाले सभी लोग मास्क में होंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी जरूरी होगा.

वाशिंगटन डीसी में पहले से ही इमरजेंसी लगी है. सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी अमेरिका (America) की खुफिया एजेंसियों के पास है और सुरक्षा के लिए 25 हजार जवानों को लगाया गया है. वहीं कोरोना की वजह से शपथ ग्रहण के बाद इस बार इनॉग्युरल परेड नहीं होगा. इसके लिए खास इंतजाम किया गया है. इस बार टेलीविजन पर स्पेशल इनॉग्युरल परेड दिखाया जाएगा. ये परेड पूरी तरह से वर्चुअल होगी और अमेरिकी जनता अपने घर में बैठकर इस परेड का मजा ले पाएगी.

शपथ ग्रहण के बदलते नियम

वैसे  डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भी कई शपथ ग्रहण के कई परंपराओं की अनदेखी की है. अमेरिकी पंरपरा के मुताबिक जाने वाले राष्ट्रपति आमंत्रित करके नए राष्ट्रपति को व्हाइट हाउस (White House) ले जाते रहे हैं. साथ ही वो अपने साथ निर्वाचित राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण के लिए कैपिटल हिल ले जाते हैं और वहां इस समारोह में शामिल होते हैं, लेकिन बाइडेन की शपथ से पहले या शपथ के बाद ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है.

दुनिया के सबसे ताकतवर नेता के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर दुनिया की नजरें टिकी हैं, लेकिन जिन परंपराओं को तोड़ा गया या संकट की वजह से जिन परंपराओं को नहीं निभाया जाएगा उसको लेकर कम से कम अमेरिकी जनता तो खुश नहीं होगी.

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कुछ ही घंटों में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा. जो बाइडन अमेरिका के 46 राष्ट्रपति का शपथ लेंगे, लेकिन इस शपथ ग्रहण समारोह को लेकर हिंसा की आशंका भी है. अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में इमरजेंसी लगा है और वहां के संसद भवन यानी कैपिटल हिल को चारों तरफ से घेर कर सुरक्षित किला बनाया गया है. हिंसा की आशंका के बीच जो बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं.

वॉशिंगटन बना अभेद्द किला 

दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका और उसकी राजधानी में सुरक्षा की तस्वीरें देख ऐसा लग रहा है कि कोई युद्ध होने वाला है. जहां भी नजर जाती है वहां सुरक्षा बल मुस्तैदी के साथ खड़े दिखते हैं. नए राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ समारोह को लेकर संभावित हिंसा के अलर्ट के बीच पूरे वॉशिंगटन को किला बना दिया गया है. वॉशिंगटन में इमरजेंसी तो पहले से ही लगी है, साथ ही सुरक्षा का ऐसा चाक चौबंद व्यवस्था किया गया जिसमें परिंदा भी पर ना मार सके.

वॉशिंगटन में 25 हज़ार से ज्यादा सैनिक और पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में लगाए गए हैं. टैंक और कॉन्क्रीट के अवरोधक लगाए गए हैं. राष्ट्रीय स्मारक को बंद कर दिया गया है. अमेरिकी संसद परिसर की घेराबंदी की गई है. हर रास्ते पर चेक पोस्ट बनाए गए हैं.

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कैपिटल हिल (Capitol Hill) में पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया है. खतरे को देखते हुए कैपिटल हिल को नेशनल गार्ड्स (National Gards) ने पूरी तरह घेर लिया है और किसी को भी अंदर या फिर बाहर जाने की इजाजत नहीं है. कैपिटल हिल को किले में तब्दील कर दिया गया है. लोगों से भी कहा गया है कि वो अपनी खिड़कियों से दूर रहें और अगर बाहर निकलें तो सुरक्षा का ख्याल रखें. कैपिटल हिल के बाहर 8 फीट ऊंची फेंसिंग की गई है, आशंका इस बात की भी है कि ट्रंप समर्थक एक बार फिर कैपिटल हिल पर हमला कर सकते हैं. शपथ ग्रहण समारोह से पहले भी किसी तरह की हिंसा या हमले से निपटने की पूरी तैयारी है. हेलीकॉप्टर के ज़रिए भी पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है.

ऐसी सुरक्षा व्यवस्था देख वॉशिंगटन के लोग हैरान परेशान से हैं. शपथ ग्रहण समारोह की सुरक्षा जिम्मेदारी संभाल रहे सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों के मुताबिक वो हर स्थिति से निपटने को तैयार हैं.

हिंसा की आशंका को समझिए

अमेरिका की गुप्तचर एजेंसी घोर दक्षिणपंथी और मिलिशिया समूह के सदस्यों की कड़ी निगरानी कर रहे हैं. उन्हें आशंका है कि इस टाइप के ग्रुप वाशिंगटन में हिंसक संघर्ष भड़काने की तैयारी में हैं. शपथ ग्रहण समारोह से पहले  निर्वाचित नेताओं को धमकी और कार्यक्रम में घुसपैठ कर गड़बड़ी के इरादे संबंधी चर्चा की वजह से इंटेलिजेंस अधिकारी नलाइन चैटिंग करने वालों की निगरानी कर रहे हैं.

दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के सत्ता परिवर्तन के दौरान ऐसी स्थिति कभी नहीं आई थी. इसलिए वॉशिंगटन में इस अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की चर्चा पूरी दुनिया में है.

अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों अलर्ट तो हैं लेकिन उनके सुरक्षा घेरे में ही ऐसे लोगों की पहचान की गई है जो हिंसा फैलाने में बाहरी ताकतों की मदद कर सकते थे. ऐसे ही 12 नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स को ड्यूटी से हटा दिया गया है. इससे अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं. एक तरफ कैपिटल हिल को अभेद्द किला बना दिया है, तो दूसरी ओर उनकी भी पहचान की जा रही है जो सुरक्षा घेरे के अंदर होकर भी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं.

शपथ समारोह को लेकर उग्र बयान

FBI की जांच के बाद के नेशनल गार्ड के 12 जवानों को सुरक्षा ड्यूटी से हटा दिया गया. इनमें से दो ने तो शपथ समारोह को लेकर उग्र बयान दिया था. NGB प्रमुख जनरल डेनियल होकैंसन ने कहा कि 'FBI ने 10 लोगों की पहचान की थी और हमें नहीं पता कि किस स्तर पर जांच हो रही है. ऐसा नहीं है कि इस तरह की निगरानी पहली बार हो रही है. शपथ ग्रहण से पहले सुरक्षा में लगे लोगों की निगरानी होती रही है. दो लोगों, जो उग्र थे उन्हें बाकी 10 से अलग रखा गया है. एक तो चेन कमांड से पहचान हुई तो दूसरे के बारे में किसी गुमनाम ने बताया.

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पेंटागन ने भी साफ कर दिया कि एजेंसियां सुरक्षा में चूक की कोई गुंजाईंश नहीं छोड़ना चाहती, इसलिए इस तरह की कार्रवाई हो रही है. पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने कहा कि 'किस तरह की निगरानी की जा रही है उसके बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा और हमारे साथी संस्थान को क्या मिला है? लेकिन बड़ी बात ये है कि कैपिटल हिल में इस तरह की बातें सामने आई है जिससे लोग चिंतित भी होंगे. लोगों ने देखा है कि हाल में कैसे हालात रहे हैं. हम निगरानी से उन लोगों की पहचान कर रहे हैं जिनका व्यवहार संदेह के घेरे में आ रहा है और जिनसे सुरक्षा व्यवस्था को खतरा हो सकता है.'

12 गार्ड्स की ड्यूटी से हटाने का असर!

तमाम तरह के आशंकाओं के बीच जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह की सुरक्षा अभेद्द बना दी गई है. सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नजर रख रहे नेशनल गार्ड ब्यूरो का ये भी कहना है कि 12 गार्ड्स की ड्यूटी से हटाने का कोई असर नहीं पड़ने वाला है.

जनरल डेनियल होकैंसन ने बताया कि 'हम एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. हम सब पर नजर बनाए हुए हैं और पूरी सावधानी बरत रहे हैं. हम उन लोगों को सुरक्षा सिस्टम से तुरंत हटा देंगे जिनपर थोड़ा भी शक होगा और ऐसे लोगों को घर भेजा जा रहा है. अगर आप नंबर की बात करो तो 25 हज़ार में से 12 लोगों की पहचान हुई है. जरूरी नहीं कि इन सबके इरादे खराब हों, लेकिन चूंकि हम कोई खतरा नहीं उठाना चाहते सो संदिग्ध लोगों को हटा रहे हैं.'

हालांकि जिन गार्ड्स को हटाया गया है उनके बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर उन आशंकाओं को मजबूत किया है कि सुरक्षा घेरे के अंदर से भी हिंसा की कोशिश हो सकती है. ऐसे में अमेरिकन सुरक्षा एजेंसी एक एक कदम फूंक कर रख रही है.

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