चीन के हर कुतर्क का बचाव क्यों करता है WHO

जब से दुनिया पर कोरोना जा संकट आया है तब से चीन के सभी झूठ को ढकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन सामने आ जाता है. चीन ने स्वीकार कर लिया है कि उसने कोरोना के सही आंकड़ों को दुनिया से छिपाया है लेकिन उसके कुकर्मों को जस्टिफाई करने के लिए WHO मैदान में कूद पड़ा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 18, 2020, 12:43 PM IST
    • 10 से 16 अप्रैल के बीच 7 दिनों में चीन ने मौत के आंकड़े को 3,339 से 3,342 तक पहुंचाया
    • अचानक 16 से 17 अप्रैल आते ही मौत का आंकड़ा 4,632 पर पहुंच गया
चीन के हर कुतर्क का बचाव क्यों करता है WHO

नई दिल्ली: 'चोर चोर मौसेरे भाई' वाली कहावत आपने कई बार सुनी होगी. चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन पर ये बिल्कुल सटीक बैठती है. सभी देश कह रहे हैं कि कोरोना पर चीन के द्वारा किये गये पापों में WHO बराबर का भागीदार है.

इस भीषण महामारी के वीभत्स रूप को चीन ने दुनिया से छिपाया और WHO ने चीन के झूठ और उसकी अमानवीय साजिश को प्रश्रय दिया. उल्लेखनीय बात ये है कि चीन ने कोरोना से मरने वालों के आंकड़ों में संशोधन किया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से उसकी आलोचना करने के बजाय चीन को डिफेंड करने को कोशिश हो रही है.

चीन के पक्ष में झूठ को बढ़ावा दे रहा WHO

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन के साथ मिलकर झूठ बोलने और कोरोना की सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया है. चीन की चालबाजी को WHO ने दुनिया से छिपाया था जिसका खामियाजा आज 200 से भी अधिक देश भुगत रहे हैं. अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिए जाने वाला फंड भी रोक दिया है. WHO ने चीन की हां में हां मिलाकर इस महामारी को भीषण बनाया है.

जानिये क्या कहा WHO ने

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के बाद कई देश चीन की तरह अपनी मृतक संख्या को संशोधित कर सकते हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वुहान में संक्रमण बहुत तेजी से फैला और अधिकारियों के लिए हर मौत और संक्रमण के मामले को दर्ज करना मुश्किल हो गया.

बता दें कि वुहान में सरकार ने शुरुआत में इस संक्रमण पर पर्दा डालने की कोशिश की थी. इस संक्रमण को लेकर ऑनलाइन सचेत करने वाले चिकित्सकों को सजा दी गई थी और संक्रमण के मामले दर्ज करने को लेकर सरकार पर सवाल उठते रहे हैं क्योंकि उसने गणना के अपने मापदंडों को बार-बार बदला है.

समझिये कोरोना पर चीन के महाझूठ की तथ्यात्मक कहानी

आपको बताते हैं कि चीन के द्वारा कोरोना पर दिए गए आंकड़े किस तरह कूटरचित थे और उनमें क्या बदलाव हुआ है.

इस तरह रही चीन के झूठे आंकड़ों की सूची

11 अप्रैल को 3,339 मौत, 12 अप्रैल 3,341मौत,13 अप्रैल 3,341,14 अप्रैल 3,342, 15 अप्रैल 3,342, 16 अप्रैल 3,342 और 17 अप्रैल को 4,632 मौत हुईं हैं.

इस टैली से साफ हो जाता है कि 10 से 16 अप्रैल के बीच 7 दिनों में चीन ने मौत के आंकड़े को 3,339 से 3,342 तक पहुंचाया यानी 7 दिनों में सिर्फ 3 मौतें दिखाईं लेकिन अचानक 16 से 17 अप्रैल आते ही मौत का आंकड़ा 4,632 पर पहुंच गया यानी पूरे 1,290 मौतों की बढ़ोतरी. चीन का ये नया आंकड़ा तब सामने आया है जब पूरी दुनिया चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन की ओर से जनवरी के आखिर से रोजाना जारी होने आंकड़ों को शक की नजर से देख रही है.

आपको बता दें कि इससे पहले चीन दावा कर रहा था कि उसने वुहान में कोरोना को बिल्कुल खत्म कर दिया है. यहां तक कि चीन ने लॉक डाउन भी समाप्त कर दिया था लेकिन अब मौत के आंकड़े बढ़ने से स्पष्ट है कि चीन या तो पहले झूठ बोल रहा था या अब झूठ बोल रहा है.

 

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