क्या कुवैत से वापस आना पड़ेगा चार लाख कामगारों को?

दुनिया की तरह कोरोना की मार झेल रहा कुवैत भी आर्थिक मोर्चे पर कई परिवर्तन करने को मजबूर है. इसी के अंतर्गत उठाये गये एक कदम के द्वारा सरकार कानून बनाकर यहां रह रहे 40 फीसदी प्रवासियों को बाहर करना चाह रही है..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 8, 2020, 12:19 PM IST
    • वापस आना पड़ सकता है चार लाख भारतीय कामगारों को
    • प्रवासी भारतीय मुसीबत में
    • प्रवासियों की आबादी कम करने की योजना
    • विदेश नागरिक कम किये जायेंगे
क्या कुवैत से वापस आना पड़ेगा चार लाख कामगारों को?

नई दिल्ली.  कुवैत में काम कर रहे भारतीयों को निराशा का सामना करना पड़ सकता है. कुवैत कोरोना पीड़ित दुनिया के 215 देशों की सूचि में 32वें पायदान पर है. यहां बावन हजार के लगभग लोग कोरोना संक्रमित हैं. कोरोना से घिरी हुई कुवैत सरकार आर्थिक मोर्चे पर बेहतरी की कोशिश में है और यह नया कानून उसी दिशा में पहलकदमी है.

 

प्रवासी भारतीय मुसीबत में

कोरोना के बाद अब कुवैत में कामगार भारतीय नई मुसीबत से घिर गये हैं. बेरोजगारी तो है ही ऊपर से अब वे कुवैत छोड़ने की आशंका से भी दो चार हो रहे हैं. कुवैत सरकार एक नया कानून लाने वाली है जिसके अंतर्गत चालीस प्रतिशत भारतीयों को भारत वापस भेजने की योजना बनाई गई है.

प्रवासियों की आबादी कम करने की योजना

कुवैत की कुल जनसंख्या अड़तालिस लाख है जिनमें दस लाख भारतीय भी शामिल हैं. अब नई योजना के अंतर्गत कुवैत सरकार देश की आबादी में प्रवासियों की संख्या सत्तर प्रतिशत से कम कर के 30% पर लाने का लक्ष्य बना रही है.

विदेशी नागरिक कम किये जायेंगे

कुवैत सरकार अपने नये लक्ष्य के मुताबिक देश की जनसंख्या कम करना चाह रही है. इसके लिये सबसे आसान तरीका है अप्रवासियों की संख्या कम करना. कुवैत में कुल आप्रवासियों में से भारतीयों की संख्या सत्तर प्रतिशत है जिसे सरकार तीस प्रतिशत करना चाहती है. दूसरे शब्दों में, कुवैत सरकार चालीस प्रतिशत भारतीयों को वापस भारत भेजने जा रही है और इसी को ध्यान में रख कर नया कानून बनाया जा रहा है.

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