जेलेंस्की ने बिछाई ऐसी बिसात, आमने-सामने होंगे ट्रंप-पुतिन! न्यूक्लियर प्लांट कैसे मचाएगा बवाल?

Russia Ukraine War: नार्वे दौरे पर गए जेलेंस्की ने ट्रंप से जेपोरिजिया न्यूक्लियर पॉवर प्लांट को लेकर बातचीत की है. जेलेंस्की इस प्लांट में अमेरिकी निवेश के लिए सभी दरवाजे खोल दिए हैं. वर्तमान में ZNPP रूस के कब्जे में है, दूसरी ओर अमेरिका ने इस प्लांट को अपने स्वामित्व में लेने की इच्छा जाहिर की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 22, 2025, 01:16 PM IST
  • जेलेंस्की ने डोनॉल्ड ट्रंप से की बातचीत
  • ZNPP के लिए अमेरिकी निवेश का ऑफर
जेलेंस्की ने बिछाई ऐसी बिसात, आमने-सामने होंगे ट्रंप-पुतिन! न्यूक्लियर प्लांट कैसे मचाएगा बवाल?

Russia Ukraine War: एक ओर जहां यूक्रेन-रूस जंग को खत्म करने के लिए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जद्दोजहद कर रहे, तो दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने, एक ऐसी चाल चली है कि अमेरिका और रूस दोनों आमने-सामने पड़ गए हैं. दरअसल, दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में जेपोरिजिया न्यूक्लियर पॉवर प्लांट (ZNPP) स्थित है. कभी यूक्रेन का सबसे बड़ा बिजली उत्पादन के रूप में जाना जाने वाला ZNPP, वर्ष 2022 से ही रूस के कब्जे में है.

मामला तब और पेंचीदा बन गया, जब जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत के दौरान इस प्लांट को अमेरिकी निवेश के लिए खोलने की इच्छा जाहिर की. यह ऐसा ऑफर है कि ट्रंप चाहकर भी इसे ठुकराना नहीं चाहेंगे. और पुतिन किसी भी कीमत पर इसे किसी और के हाथ जाने नहीं देंगे.

ट्रंप और जेलेंस्की ने की बातचीत
अमेरिकी राष्ट्रपति और जेलेंस्की के बीच, फोन पर लंबी बातचीत हुई. इस बातचीत में, जेपोरिजिया न्यूक्लियर पॉवर प्लांट ने सबका ध्यान आकर्षित किया. दरअसल नार्वे के दौरे पर गए जेलेंस्की ने ओस्लो में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा ‘राष्ट्रपति ट्रम्प ने मुझसे पूछा, आप जेपोरिजिया न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के बारे में क्या सोचते हैं? मैंने उनसे कहा कि अगर यह यूक्रेनी नहीं रहेगा, तो यह किसी के लिए भी काम नहीं करेगा, यह अवैध कब्जे में है.’ आगे जेलेंस्की ने कहा कि इस मुद्दे पर अमेरिका से बातचीत और निवेश के लिए सभी रास्ते खुले हुए हैं.

वहीं दूसरी ओर ट्रंप ने सत्ता में आते ही, यूक्रेनी औद्योगिक संपत्तियों में गहरी दिलचस्पी दिखाई है. ट्रंप यूक्रेन के महत्वपूर्ण खनिजों तक अमेरिकी पहुंच के लिए ‘ट्रिलियन-डॉलर-डील’ पर लगातार जोर दे रहे हैं. ऐसे में अमेरिका इस ऑफर को ठुकराना नहीं चाहेगा.

अमेरिकी निवेश के लिए खुला ZNPP
द वाशिंगटन रिपोर्ट के अनुसार, इस बातचीत को लेकर विदेश मंत्री मार्को रुबियो और व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइखल वाल्ट्ज ने कहा, ‘अमेरिका के स्वामित्व में, यूक्रेनी न्यूक्लियर पॉवर प्लांट का इन्फ्रास्ट्रक्चर और यूक्रेनी का विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर दोनों ही सुरक्षित रहेगा.’

दूसरी ओर जेलेंस्की ने प्रेस कॉन्फेंस में जवाब देते हुए कहा, ‘वह इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ काम करने के लिए तैयार हैं, अमेरिका इसे रूस से वापस लेना चाहता है और इसके आधुनिकीकरण में निवेश करना चाहता है. हम इस मुद्दे पर अमेरिका से बातचीत कर सकते हैं, चर्चा के लिए सभी द्वार खुले हुए हैं.’

जेलेंस्की की इस कूटनीतिक चाल ने अमेरिका और रूस दोनों को सामने लाकर खड़ा कर दिया है.

रूस के कब्जे में है ZNPP
एक रिपोर्ट की मानें तो, जेपोरिजिया यूरोप का सबसे बड़ा पॉवर प्लांट है. दोनों देशों की बीच जारी जंग में, यूक्रेन ने इसे मार्च 2022 में खो दिया था, तभी से यह रूस के कब्जे में है, जोकि फिलहाल बंद पड़ा है. इस मामले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और यूक्रेन ने बार-बार चेतावनी दी है कि फ्रंट लाइन से काफी नजदीक है, जिसके चलते परमाणु आपदा का खतरा लगातार बना रहता है.

यूक्रेन इससे पहले भी परमाणु आपदा की मार झेल चुका है. देश के कुछ हिस्से अभी भी चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में हुई आपदा से उबर नहीं पाए हैं, जहां साल 1986 में तत्कालीन यूक्रेनी सोवियत समाजवादी गणराज्य में एक रिएक्टर पिघल गया था.

आमने सामने होंगे पुतिन-ट्रंप?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के लिए जेपोरिजिया न्यूक्लियर पॉवर प्लांट केवल एक प्लांट भर नहीं है. बल्कि जंग की शुरूआती दौर में यूक्रेन पर रूस की सबसे बड़ी जीत है. दोनों देश इस प्लांट को लेकर लगातार एक-दूसरे पर हमलावर हैं. जिसको लेकर रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन ने इस प्लांट को दोबारा कब्जे में लेने के लिए कई बार हमले किए, लेकिन वे हर बार नाकाम रहे.

जिससे स्पष्ट तस्वीर नजर आती है कि रूस किसी भी हाल में, जेपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट को यूक्रेन को नहीं सौंपने वाला है. ऐसे में अमेरिका के लिए जेलेंस्की का ऑफर स्वीकार करना आसान राह नहीं होगा. हालांकि अमेरिका यूक्रेन के खनिजों पर लंबे समय से नजर बनाए हुआ है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आगे पुतिन और ट्रंप सामने होंगे या इस युद्ध को विराम देकर, शांति का नया रास्ता अपनाएंगे. 

पर एक बात तो तय है, जेलेंस्की की इस नई चाल ने ट्रंप-पुतिन को आमने सामने लाकर खड़ा कर दिया है. यह ऐसा ऑफर कि वैश्विक पटल पर कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

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