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Srinagar : जम्मू-कश्मीर में 2025 के पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने अपनी रणनीतिक तैयारियों को तेज़ कर दिया है. इसी कड़ी पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कश्मीर और राजौरी के कई विधानसभा क्षेत्रों के लिए नए विधानसभा क्षेत्र प्रभारी (Constituency In-Charges) की नियुक्ति की, जिससे साफ है कि पीडीपी अब जमीनी स्तर पर संगठन को एक्टिव करने और चुनाव की दिशा तय करने में जुट गई है.
यह नई लिस्ट न सिर्फ वरिष्ठ नेताओं को दोबारा सक्रिय करती है, बल्कि युवा चेहरों को भी अहम जिम्मेदारी देकर पार्टी में संतुलन लाने की कोशिश है. अनंतनाग जिले में अब्दुल रहमान वीरी, डॉ. महबूब बेग, इल्तिजा मुफ्ती और एडवोकेट शेख जावेद को जिम्मेदारी दी गई है, वहीं पुलवामा, त्राल और पंपोर जैसे इलाकों में पहले से कार्यरत नेता बरकरार रखे गए हैं.
सबसे अहम बात यह है कि पीडीपी के मुख्य रणनीतिकार नईम अख्तर की सक्रिय राजनीति में वापसी हुई है. उन्हें बांदीपोरा का प्रभारी बनाया गया है, जो पार्टी के अंदर और बाहर दोनों के लिए एक मजबूत राजनीतिक संदेश है. इसके अलावा, पूर्व एमएलसी यासिर रेशी, जो हाल ही में इंजीनियर राशिद के समर्थन से चुनाव लड़ चुके हैं, उन्हें सोनावारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. राजौरी के लिए एडवोकेट आसिफ इक़बाल चौधरी को नियुक्त किया गया है.
हालांकि, इस नई लिस्ट में कुछ पुराने और अनुभवी चेहरों- पीरजादा मंसूर, गुलजार वानी और यावर बंदे की गैरमौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए हैं.
पीडीपी का यह फैसला साफ करता है कि पार्टी 2025 के पंचायत और निकाय चुनावों को लेकर पूरी तरह तैयार है और नए व पुराने चेहरों को मिलाकर एक संतुलित नेतृत्व तैयार कर रही है. अब देखना होगा कि इस कदम का कश्मीर की राजनीतिक दिशा पर क्या असर पड़ता है.