Zee News एनबीडीए //एनबीडीएसए द्वारा निर्धारित स्वतंत्र नियमन एवं मानकों का पालन करता है. अगर आपको Zee News पर दिखाई गई किसी खबर या कार्यक्रम से शिकायत है तो न्यूज़ ब्रॉडकॉस्टिंग एंड डिजिटल स्टेंडर्ड अथॉरिटी को लिखें. ज्यादा जानकारी के लिए www.nbanewdelhi.com पर लॉग ऑन करें.

Kashmir Election : पंचायत चुनाव से पहले PDP का बड़ा कदम, कश्मीर-राजौरी में प्रभारी का ऐलान

J&K Election : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने 2025 के पंचायत और निकाय चुनावों की तैयारी में कई नए विधानसभा क्षेत्र प्रभारी नियुक्त किए हैं. नईम अख्तर की राजनीति में वापसी हुई है, जबकि युवाओं और वरिष्ठ नेताओं को संतुलित जिम्मेदारी दी गई है. पीडीपी अब जमीनी स्तर पर संगठन को सक्रिय कर रही है.

Shivani Saxena| Oct 6, 2025, 09:37 PM IST
Kashmir Election : पंचायत चुनाव से पहले PDP का बड़ा कदम, कश्मीर-राजौरी में प्रभारी का ऐलान

Srinagar : जम्मू-कश्मीर में 2025 के पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने अपनी रणनीतिक तैयारियों को तेज़ कर दिया है. इसी कड़ी पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कश्मीर और राजौरी के कई विधानसभा क्षेत्रों के लिए नए विधानसभा क्षेत्र प्रभारी (Constituency In-Charges) की नियुक्ति की, जिससे साफ है कि पीडीपी अब जमीनी स्तर पर संगठन को एक्टिव करने और चुनाव की दिशा तय करने में जुट गई है.

यह नई लिस्ट न सिर्फ वरिष्ठ नेताओं को दोबारा सक्रिय करती है, बल्कि युवा चेहरों को भी अहम जिम्मेदारी देकर पार्टी में संतुलन लाने की कोशिश है. अनंतनाग जिले में अब्दुल रहमान वीरी, डॉ. महबूब बेग, इल्तिजा मुफ्ती और एडवोकेट शेख जावेद को जिम्मेदारी दी गई है, वहीं पुलवामा, त्राल और पंपोर जैसे इलाकों में पहले से कार्यरत नेता बरकरार रखे गए हैं.

Add Zee News as a Preferred Source

सबसे अहम बात यह है कि पीडीपी के मुख्य रणनीतिकार नईम अख्तर की सक्रिय राजनीति में वापसी हुई है. उन्हें बांदीपोरा का प्रभारी बनाया गया है, जो पार्टी के अंदर और बाहर दोनों के लिए एक मजबूत राजनीतिक संदेश है. इसके अलावा, पूर्व एमएलसी यासिर रेशी, जो हाल ही में इंजीनियर राशिद के समर्थन से चुनाव लड़ चुके हैं, उन्हें सोनावारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. राजौरी के लिए एडवोकेट आसिफ इक़बाल चौधरी को नियुक्त किया गया है.

हालांकि, इस नई लिस्ट में कुछ पुराने और अनुभवी चेहरों- पीरजादा मंसूर, गुलजार वानी और यावर बंदे की गैरमौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए हैं.

पीडीपी का यह फैसला साफ करता है कि पार्टी 2025 के पंचायत और निकाय चुनावों को लेकर पूरी तरह तैयार है और नए व पुराने चेहरों को मिलाकर एक संतुलित नेतृत्व तैयार कर रही है. अब देखना होगा कि इस कदम का कश्मीर की राजनीतिक दिशा पर क्या असर पड़ता है.