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Srinagar : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा सेशन में जम्मू-कश्मीर भूमि अधिकार एवं नियमितीकरण विधेयक, 2025 पेश करेगी. यह प्रस्तावित क़ानून आम लोगों में 'बुलडोज़र विरोधी बिल' के नाम से चर्चित हो रहा है.
महबूबा मुफ़्ती का कहना है कि यह बिल उन परिवारों, संस्थाओं और लोगों को कानूनी सुरक्षा देगा, जो पिछले 30 साल या उससे ज़्यादा वक्त से किसी ज़मीन पर काबिज़ हैं. इसका अहम मकसद उन्हें मालिकाना हक देना, ग़ैर ज़रूरी बेदखल से बचाना, और जम्मू-कश्मीर में सामाजिक व आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना है.
गुलमर्ग के होटलों पर अधिग्रहण का खतरा
महबूबा ने गुलमर्ग और कश्मीर के दूसरे इलाकों में लीज़ और भूमि संकट की गंभीर स्थिति पर भी चिंता जताई. उन्होंने बताया कि भूमि अनुदान नियम, 2022 के बाद पुराने लीज़ समझौतों का नवीनीकरण पूरी तरह से बंद हो गया है. इससे गुलमर्ग के नेडौस और हाईलैंड्स पार्क जैसे ऐतिहासिक होटलों सहित करीब 60 होटलों को गुलमर्ग विकास प्राधिकरण (GDA) की तरफ से अधिग्रहण नोटिस दिए गए हैं.
इन होटलों में करोड़ों रुपये का इन्वेस्टमेंट हो चुका है और वे स्थानीय रोजगार के बड़े स्रोत भी हैं. अब इन पर सरकारी अधिग्रहण और नीलामी का खतरा मंडरा रहा है, जिससे व्यवसायी वित्तीय संकट और कानूनी असमंजस में फंस गए हैं.
सरकार की नीति पर उठाए सवाल
महबूबा मुफ़्ती ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लीज़ नवीनीकरण और भूमि नियमितीकरण को लेकर कोई स्पष्ट नीति सामने नहीं आई है. उन्होंने कहा कि, बार-बार आश्वासन देने के बावजूद, अदालतों में लैंड राइट्स की रक्षा को लेकर सरकार ने अब तक कोई ठोस कानूनी कदम नहीं उठाया है.
पीडीपी की विधानसभा में दस्तक
महबूबा मुफ़्ती ने साफ किया कि PDP विधायक इस विधेयक को अगली विधानसभा में पेश करेंगे, ताकि लोगों को उनका हक़ मिल सके और बेवजह की बेदखली की कार्रवाई रोकी जा सके.