Zee News एनबीडीए //एनबीडीएसए द्वारा निर्धारित स्वतंत्र नियमन एवं मानकों का पालन करता है. अगर आपको Zee News पर दिखाई गई किसी खबर या कार्यक्रम से शिकायत है तो न्यूज़ ब्रॉडकॉस्टिंग एंड डिजिटल स्टेंडर्ड अथॉरिटी को लिखें. ज्यादा जानकारी के लिए www.nbanewdelhi.com पर लॉग ऑन करें.

श्रीनगर में क्राइम ब्रांच का बड़ा एक्शन, ज़मीन धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़, कई जगहों पर छापेमारी

Crime Branch Kashmir : श्रीनगर में ₹53 लाख की ज़मीन धोखाधड़ी के मामले में क्राइम ब्रांच कश्मीर की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गुरुवार को कई ठिकानों पर छापेमारी की. चार लैंड ब्रोकरों पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का केस दर्ज है. आरोप है कि इन्होंने ज़मीन दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से बड़ी रकम ठगी और दस्तावेजों में हेराफेरी की। जांच में कुछ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई गई है.मामला अब भी जांच में है.

Shivani Saxena| Oct 9, 2025, 03:41 PM IST
श्रीनगर में क्राइम ब्रांच का बड़ा एक्शन, ज़मीन धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़, कई जगहों पर छापेमारी

Srinagar : ज़मीन-जायदाद के नाम पर ठगी करने वालों के खिलाफ क्राइम ब्रांच कश्मीर (CBK) की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गुरुवार को श्रीनगर में कई ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई ₹53 लाख की एक बड़ी ज़मीन धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में की गई, जिसमें चार लोग मुख्य आरोपी हैं.

अफसरों के अनुसार, यह छापेमारी FIR नंबर 23/2025 के तहत दर्ज मामले की जांच का हिस्सा है. यह केस भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज हुआ है. जिन चार लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनके नाम हैं तारीक अहमद हाजम, गुलाम हसन मीर, सोनाउल्ला मीर और रज़्ज़ाक मीर. ये सभी श्रीनगर के बरथाना इलाके के रहने वाले हैं और पेशे से लैंड ब्रोकर हैं.

Add Zee News as a Preferred Source

इस हाई-प्रोफाइल केस की शुरुआत एक लिखित शिकायत से हुई थी, जिसमें पीड़ित ने आरोप लगाया था कि इन दलालों ने ज़मीन दिलाने का झांसा देकर उससे ₹53 लाख की मोटी रकम ठग ली. शुरुआती जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांचकर्ताओं को शक है कि इन आरोपियों ने कुछ राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से दस्तावेजों में गड़बड़ी की और सरकारी प्रक्रिया का दुरुपयोग करते हुए पैसा और प्रॉपर्टी हड़पने की साजिश रची.

EOW के अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी का मकसद इस ठगी के पीछे काम कर रहे पूरे नेटवर्क को बेनकाब करना है. इसके अलावा, जांच इस दिशा में भी चल रही है कि क्या इस साजिश में कुछ सरकारी अफसर भी शामिल हैं.

क्राइम ब्रांच ने साफ किया है कि मामले की जांच अभी चल रही है और छापेमारी के दौरान जो भी सबूत मिले हैं, उनकी बारीकी से जांच की जाएगी। आगे की कार्रवाई इन्हीं सबूतों के आधार पर तय होगी.

Trending news