इस भीड़ में हम कितने अकेले ?
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इस भीड़ में हम कितने अकेले ?

 रिटायर्ड अध्यापिका के शव को कुत्ते-बिल्ली ने नोंचा, पड़ोसियों को खबर तक नहीं

इस भीड़ में हम कितने अकेले ?

करनाल : अकेले आए हैं.. अकेले ही जाएंगे.. ये आपने अकसर सुना होगा... मगर अकेले जाने के कई दिनों के बाद भी अगर आपके जाने की किसी को कानों कान खबर न हो तो ?  आपके जाने की खबर आस पड़ोस के लोगों को तब पता चले जब आपके गले-सड़े शव से बदबू आने लगे, इतना ही नही शव को जानवरों ने भी नोंचा हो, ये 

सोच कर भी आप सिहर जाएंगे,क्या कोई इतना भी अकेला हो सकता है ?  

बुज़ुर्ग महिला का सड़ा-गला शव, जानवरों ने नोंचा

करनाल के सेक्टर-14 में एक घर से बुजुर्ग महिला का शव गली-सड़ी हालत में बरामद हुआ है. मृतका का नाम चंचल है जो सरकारी स्कूल में अध्यापिका रह चुकी है. आसपास के लोगों को घर से जब दुर्गंध आई तो पुलिस को सूचित किया गया, घर के अंदर का मंजर देख सभी दंग रह गए, लाश पूरी तरह सड़ चुकी थी, चेहरा पहचान में 

नहीं आ रहा था, शव की हालत देखकर लगता था कि महिला की मौत कई दिन पहले हो चुकी थी और शव को कुत्तों और बिल्ली ने भी नोंच रखा था.

अकेली रहती थी महिला

पड़ोसियों का कहना था कि महिला का तलाक हो गया था और वो अकेली ही रहती थी, महिला के पति की भी मौत हो चुकी है और महिला के कुछ रिश्तेदार अंबाला में रहते हैं जो पड़ोसियों के पास फोन कर उसका हाल चाल जान लेते थे.

पर ऐसा पहली बार तो नहीं हुआ !

इस भागती दौड़ती जिंदगी में ये कोई पहला मामला नहीं है जब कोई ऐसे गुमनामी में चला गया और किसी को कई दिनों तक कानों कान खबर तक नहीं हुई.. कुछ वक़्त पहले एक मामला मुंबई से भी सामने आया था जहां अमेरिका से डेढ़ साल बाद बेटा घर लौटा तो उसे घर के अंदर मां का कंकाल बेड पर मिला, कई बार जानी-मानी 

हस्तियों के भी मरने की ख़बर कई दिनों के बाद पता चलती है, समय-समय पर सामने आते ऐसे मामले सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि आखिर हम कैसी दुनिया में रह  रहे हैं ?

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