Captain Amarinder Singh: राजीव गांधी का हाथ थाम राजनीति में रखा था कदम, जानें कैसा रहा सत्ता का सफर
Advertisement

Captain Amarinder Singh: राजीव गांधी का हाथ थाम राजनीति में रखा था कदम, जानें कैसा रहा सत्ता का सफर

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) सीएम पद से ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी से भी अलग हो गए हैं.

Captain Amarinder Singh: राजीव गांधी का हाथ थाम राजनीति में रखा था कदम, जानें कैसा रहा सत्ता का सफर

नई दिल्लीः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) सीएम पद से ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी से भी अलग हो गए हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब की राजनीति में सबसे पुराने खिलाड़ियों में से एक है. इतना ही नहीं अमरिंदर सिंह राज्य के 26वें मुख्यमंत्री हैं. अमरिंदर सिंह को राजनीति में पहली बार राजीव गांधी ही लेकर आए थे.

बता दें कि अमरिंदर सिंह ने पहली बार सन् 1980 में लोकसभा चुना जीता था. लेकिन, 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के आर्मी एक्शन के विरोध में कांग्रेस पार्टी से अलग हो गए थे. पार्टी से इस्तीफे के बाद वो तुरंत ही अकाली दल से जा जुड़े थे और एक बार फिर से तलवंडी विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर अपना राजनैतिक करियर को आगे लेकर गए थे.

अकाली दल में जीत हासिल करने के बाद अमरिंदर सिंह को पंजाब सरकार में कृषि और वन मंत्री का पद मिला. लेकिन, कैप्टन अकाली दल में ज्यादा में भी उनके रिश्ते ज्यादा वक्त के लिए सही नहीं रहे और 1992 में उन्होंने अकाली दल का भी दामन छोड़ दिया. इसके बाक कैप्टन ने अपने चुनाव क्षेत्र से सिर्फ 856 वोट ही पा सके.

अपनी पार्टी का यह हाल देख, एक बार फिर से कैप्टन ने 1998 में कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था. कांग्रेस ने एर बार फिर से कैप्टन पर भरोस कर 1999 में उन्हें पंजाब प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. इसके बाद वो 2002 में  पंजाब के मुख्यमंत्री के पद को हासिल किया. उसके बाद 2010 से सन 2013 तक पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे.

जानकारी के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब विधानसभा में पांच बार सदस्य रह चुकें हैं जिसमें वो तीन बार पटियाला, एक बार समाना और एक बार तलवंडी सोबो से चुनाव जीतकर पंजाब विधानसभा पहुंचे. तो वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में कैप्टन ने बीजेपी के खिलाफ भारी जीत हासिल की.

इसके बाद 2015 में कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के हाथों में 2017 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव की डोर को थमा दिया जिसके बाद 2017 में कांग्रेस पार्टी ने इनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव जीता. और इसके बाद 16 मार्च, 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के 26वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.

ये भी पढ़ेः बड़ी खबर: आपात बैठक से पहले, कांग्रेस हाईकमान ने मांगा Capt Amarinder Singh से इस्तीफा

जानें, निजी जीवन के बारे में

बताते चले कि अमरिंदर सिंह का जन्म 11 मार्च, 1942 को पटियाला शहर में हुआ था. पिता यादविंद्र सिंह पटियाला पुलिस में इंस्पेक्टर जनरल थे और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वो इटली और बर्मा भी गये. कैप्टन अमरिंदर सिंह की मां का नाम महारानी मोहिंदर कौर था. कैप्टन ने अपनी शुरुआती शिक्षा मशहूर वेल्हम बॉयज स्कूल और लॉरेन्स स्कूल सनावर से की.

स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद अमरिंदर सिंह ने देहरादून के दून स्कूल पहुंच गए. इसके बाद नेशनल डिफेन्स अकादमी और इंडियन मिलिट्री स्कूल ज्वाइन कर लिया. 1963 में अमरिंदर सिंह ने भारतीय सेना ज्वाइन की और 1965 में भारत-पाक युद्ध में जाकर शामिल हो गए. इस दौरान वो सिक्ख रेजिमेंट में कैप्टन थे.

इसी के साथ अगर कैप्टन के परिवार की बात करे तो अमरिंदर सिंह की पत्नी का नाम प्रनीत कौर है, जो लोकसभा सांसद रह चुकी हैं. 2009 से 2014 के बीच विदेश मंत्रालय में काम भी कर चुकी हैं. अमरिंदर सिंह की बहन हेमिंदर कौर की शादी भूतपूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह से हुई.

इसके अलावा अमरिंदर सिंह का एक बेटा रनिंदर सिंह और एक बेटी जय इन्दर सिंह है. कैप्टन अमरिंदर सिंह की बेटी की शादी दिल्ली के व्यापारी गुरपाल सिंह से हुई है. कैप्टन अमरिंदर सिंह राजनीति के साथ एक अच्छे लेखक भी हैं और युद्ध तथा सिख इतिहास के विषय में बहुत कुछ लिख चुके हैं.

WATCH LIVE TV

Trending news