हांसी पुलिस ने युवराज को गिरफ्तार करने के कुछ देर बाद उन्हें औचारिक जमानत पर छोड़ दिया. रजत कलसन ने युवराज सिंह को अंतरिम जमानत दिए जाने के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
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रोहित कुमार/ हिसार : अनुसूचित जाति पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में क्रिकेटर युवराज सिंह को हांसी पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया. कुछ देर बाद उन्हें जमानत पर छोड़ भी दिया गया. इस दौरान पुलिस ने इस पूरे मामले को गुप्त रखा. शिकायतकर्ता रजत कलसन ने पुलिस पर गिरफ्तार करने के बाद युवराज को वीआईपी ट्रीटमेंट देने का आरोप लगाया.
युवराज पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल रोहित शर्मा से लाइव चैट के दौरान क्रिकेटर युजवेंद्र चहल की जाति को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी. रजत कलसन की शिकायत पर हांसी पुलिस ने इस साल फरवरी में युवराज सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था.
हांसी पुलिस युवराज को गिरफ्तार करने के बाद हिसार में पुलिस विभाग की गजटेड ऑफिसर मैस में उन्हें बैठाकर पूछताछ की गई. बाद में हाईकोर्ट के निर्देशानुसार उसे औपचारिक जमानत पर छोड़ दिया गया.
शिकायत कर्ता ने युवराज सिंह को हरियाणा पुलिस द्वारा पूरा वीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोप लगाए हैं. वहीं हांसी पुलिस के पीआरओ सुरेश कुमार ने कहा कि युवराज को कल गिरफ्तार किया गया था. तफ्तीश में शामिल करते हुए उनके बयान भी दर्ज किए गए हैं. डीएसपी विनोद शंकर ने युवराज सिंह से पूछताछ की.
रजत कलसन है कि हरियाणा पुलिस ने युवराज सिंह के साथ सेल्फियां खिंचवाईं जैसा आमतौर पर एक आरोपी के साथ होना चाहिए, उससे इतर युवराज को गजटेड ऑफिसर मैस में जूस और स्नैक्स खाने के लिए दिए गए. जानबूझकर इस बात को मीडिया से दूर रखा गया.
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हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी
रजत ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट के युवराज सिंह को अंतरिम जमानत दिए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उसकी पूरी कोशिश रहेगी कि युवराज को जेल की सजा हो ताकि हमारे समाज के लोगों के बारे में अपमानजनक बातें करने वाले सेलिब्रिटी व वीआईपी तक एक सख्त संदेश जाए.
नियमित जमानत लेनी होगी
अब युवराज सिंह के खिलाफ हांसी पुलिस अदालत में चालान पेश करेगी, जिसके बाद उन्हें विशेष अदालत से नियमित जमानत भी हासिल करनी पड़ेगी. युवराज सिंह को हिसार की अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत में हर तारीख पर पेश होना होगा. अपराध साबित होने पर उन्हें 5 साल की सजा भी हो सकती है.