HCMS/HCDS के लिए स्नातकोत्तर के संबंध में नई नीति तैयार, CM खट्टर ने दी मंजूरी- अनिल विज
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HCMS/HCDS के लिए स्नातकोत्तर के संबंध में नई नीति तैयार, CM खट्टर ने दी मंजूरी- अनिल विज

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में हरियाणा सिविल मेडीकल सर्विस (HCMS) हरियाणा सिविल डेंटल सर्विस (hcds) के लिए स्नातकोत्तर (Degree, DNB, Diploma) के संबंध में नई नीति तैयार की है. 

HCMS/HCDS के लिए स्नातकोत्तर के संबंध में नई नीति तैयार, CM खट्टर ने दी मंजूरी- अनिल विज

साक्षी शर्मा/चंडीगढ़ः हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में हरियाणा सिविल मेडीकल सर्विस (HCMS) हरियाणा सिविल डेंटल सर्विस (hcds) के लिए स्नातकोत्तर (Degree, DNB, Diploma) के संबंध में नई नीति तैयार की है और इस नीति के प्रारूप को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है.

नई नीति के प्रारूप के मुख्य बिंदूओं की जानकारी देते हुए विज ने बताया कि इस नई नीति के तहत आठ सुपर-स्पेशयलिटी पाठयक्रमों को जोड़ा गया है. प्रस्तावित पीजी नीति में अब पीजी कोर्स हेतू वेतन के साथ ग्रामीण क्षेत्र की दो वर्ष की सेवा सहित कुल तीन साल की नियमित अवधि सेवा, बिना वेतन के साथ दो साल की नियमित सेवा या दो साल की नियमित सेवा से कम पर त्याग पत्र देना होगा.

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विज ने बताया कि HCMS तथा hcds काडर को अलग-अलग परिभाषित किया गया हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान सीखे गए अनुभव और अंबाला छावनी में TCCC की स्थापना, गैर-संचारी (नॉन कम्यूनिकेवल) रोगों के विशाल विस्तार के क्षितिज को ध्यान में रखते हुए बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी और रेडियोथेरेपी और न्यूक्लियर मेडिसिन की विशेषताओं को HCMS कैडर में शामिल किया गया है.

उन्होंने बताया कि नई पीजी नीति के तहत कवर नहीं किए गए पाठ्यक्रमों, परंतु भारत सरकार द्वारा अनुमोदित (MoHFW, UGC, AICTE आदि यानी चिकित्सा, दंत निकायों के अलावा) के लिए एक अलग खंड को शामिल किया गया है, जिसके लिए HCS के अध्ययन अवकाश के प्रावधान (अवकाश नियम 2016, अध्याय-11) को लाया गया है क्योंकि कुछ लघु फेलोशिप कार्यक्रम हैं जो नैदानिक कौशल में सुधार के लिए उपयोगी हैं.

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स्वास्थ्य मंत्री ने बांड राशि के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि वेतन सहित पीजी डिग्री हेतू एक करोड़ रूपए, पीजी डिप्लोमा हेतू 65 लाख रूपए और सुपर-स्पेशियलिटी कोर्स के लिए 1.50 करोड़ रूपए की राशि है. उन्होंने बताया कि बिना वेतन के प्रोत्साहन, आरक्षण के लाभ के साथ सुपरस्पेशलिटी के लिए एक करोड़, पीजी डिग्री के लिए 75 लाख तथा पीजी डिप्लोमा के लिए 45 लाख रूपए की राशि निर्धारित की गई है.

उन्होंने आगे बताया कि इसी प्रकार, बिना वेतन के प्रोत्साहन, आरक्षण के बिना लाभ के साथ सुपरस्पेशलिटी के लिए 75 लाख, पीजी डिग्री के लिए 40 लाख तथा पीजी डिप्लोमा के लिए 25 लाख रूपए की राशि निर्धारित की गई है. वेतन और परिलब्धियों के साथ-साथ मकान भत्ता का दावा मुख्यालय में पीजी रिजर्व सीटों के विरूद्ध किया जाएगा। इसके अलावा, NBE परीक्षा को किसी भी प्रवेश, NEET परीक्षा के साथ जोड़ा गया है. इसके अलावा, पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ऊपरी आयु सीमा 31 मार्च को 45 वर्ष मानी जाएगी.

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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि नई नीति के प्रारूप में किसी भी परिस्थिति में बांड शर्तें पूरा करने से पहले राज्य में या राज्य के बाहर किसी अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति हेतू किसी भी डाक्टर को एनओसी जारी नहीं की जाएगी. ऐसे ही, परिवीक्षा अवधि की मंजूरी के खंड को जोड़ा गया है. इसी प्रकार, कोर्स विफलता के मामले में PGIMS, रोहतक के मेडिकल बोर्ड द्वारा पेनल्टी क्लॉज लागू नहीं किया जा सकता है.

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