गणतंत्र दिवस पर सम्मानित वक्फ बोर्ड के एस्टेट ऑफिसर को गिरफ्तार करने की मांग
Advertisement

गणतंत्र दिवस पर सम्मानित वक्फ बोर्ड के एस्टेट ऑफिसर को गिरफ्तार करने की मांग

Panipat : आरटीआई एक्टिविस्ट ने सार्वजनिक भूमि को हथियाने के मामले में आरोपी मोइनुद्दीन काजी पर प्रतिबंधित चाइनीज ऐप 'कैम स्कैनर' का इस्तेमाल कर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने का भी आरोप लगाया है.

आरटीआई एक्टिविस्ट ने शिकायत की प्रति हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को भेजी है.

राकेश भयाना/ पानीपत: आरटीआई एक्टिविस्ट (RTI Activist) पीपी कपूर ने पानीपत वक्फ बोर्ड (Panipat Waqf Board) के एस्टेट ऑफिसर मोइनुद्दीन काजी (Moinuddin Qazi) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने और नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की है.

पीपी कपूर (P.P Kapoor) ने एस्टेट ऑफिसर को जिला प्रशासन द्वारा गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर दिया गया सम्मान पत्र तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए शिकायत की प्रति हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज (Haryana Home Minister Anil Vij) को भी भेजी है.

ये भी पढ़ें : कोरोना के बाद कंपनियों के सामने यह बड़ा चैलेंज, 100 में से 82 लोग करना चाहते हैं वर्क फ्रॉम होम

आरटीआई एक्टिविस्ट ने मोइनुद्दीन काजी पर प्रतिबंधित चाइनीज ऐप (Banned chinese app ) कैम स्कैनर (cam scanner) इस्तेमाल कर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने और केंद्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन (Central Government Gazette Notification) को कैंसिल करने का आरोप लगाया है. पीपी कपूर ने पानीपत वक्फ बोर्ड के एस्टेट ऑफिसर के खिलाफ सिटी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है.

कपूर ने बताया कि उन्होंने आरटीआई से खुलासा किया था कि रेलवे रोड-गीता मंदिर रोड पर खसरा नंबर 3605 की भूमि की मिलकियत राजस्व रिकॉर्ड में गांव शामलात के नाम दर्ज है. कानूनन इस भूमि का मालिक नगर निगम है, लेकिन वक्फ बोर्ड इस भूमि को करीब दो दर्जन दुकानदारों को किराये पर अलॉट कर बेवजह उनसे किराया वसूल रहा है. 

WATCH LIVE TV 

7 वर्ष की सजा का प्रावधान

इस संबंध में मोइनुद्दीन काजी ने उन्हें भारत सरकार के 1984 के एक गजट नोटिफिकेशन की कॉपी चाइनीज ऐप कैम स्कैनर इस्तेमाल करके भेजी है जबकि मोदी सरकार (Modi Government) ने देश की सुरक्षा के मद्देनजर पिछले वर्ष इस चाइनीज ऐप के इस्तेमाल पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. इस ऐप के इस्तेमाल पर आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 69ए के उल्लंघन के जुर्म में 7 वर्ष की सजा का प्रावधान है. 

संविधान की अवमानना का आरोप 

आरटीआई एक्टिविस्ट ने कहा कि इतना ही नहीं इस एस्टेट ऑफिसर ने भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन को अपनी कलम व मोहर से कैंसिल करके भारत के कानून व संविधान की अवमानना भी की है. मुख्य सूचना आयुक्त यश पाल सिंघल ने इस अधिकारी के खिलाफ जुर्माने का शो कॉज नोटिस जारी कर इसे 24 फरवरी को चंडीगढ़ भी तलब कर रखा है.

Trending news