पानीपत में नाराज व्यापारियों ने नेशनल हाईवे जाम कर बाजार बंद कर दिया. उनका कहना था कि जब तक हत्यारों को पकड़ा नहीं जाएगा, बाजार नहीं खुलेगा. डीएसपी ने हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया.
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राकेश भयाना/पानीपत : कल देर शाम समालखा में घी व्यापारी राजकुमार की हत्या के बाद पूरे इलाके में दहशत और व्यापारियों में जबर्दस्त नाराजगी है. इस मामले में पुलिस की लापरवाही से गुस्साए व्यापारियों ने आज नेशनल हाईवे 44 को जाम करने के बाद पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पूरा बाजार बंद कर दिया.
उनका कहना था कि जब तक हत्यारों को पकड़ा नहीं जाएगा, बाजार नहीं खुलेगा. डीएसपी ने हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया. थाना प्रभारी नरेंद्र ने बताया कि पुलिस टीमें बनाकर छानबीन में जुट गई है. आसपास के सीसीटीवी कैमरा को भी खंगाला जा रहा है.
व्यापारियों का कहना है कि पूरे मामले में डायल 112 पुलिसकर्मियों की संवेदनहीनता सामने आई. बेटा अपने पिता को लगभग 1 घंटे से अधिक ऑटो पर लेकर घूमता रहा. अगर समय पर व्यापारी को हॉस्पिटल पहुंचा दिया जाता तो वह बच सकता था. व्यापारी के बेटे की गुजारिश पर भी डायल 112 नंबर पर तैनात पुलिसकर्मियों का दिल नहीं पसीजा. आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़े घी व्यापारी को अपनी गाड़ी में अस्पताल ले जाने से मना कर दिया. इतना ही नहीं पुलिस ने व्यापारी को थ्री व्हीलर में ले जाने और किराया देने की सलाह दे डाली.
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हत्या कर लूट लिया था कैश
माता पुलिस रोड पर रहने वाला राजकुमार उर्फ राजू घी तेल का व्यापार करता था. कल रोजाना की तरह वह दुकान बंद करके घर जा रहा था, तभी बाइक सवार दो बदमाश वहां पहुंचे। उन्होंने राजकुमार को छाती पर गोली मार दी और रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गए. दोनों बदमाशों ने वारदात से पहले पूरे व्यापारी की रेकी भी की थी.
व्यापारी के बेटे चिराग ने बताया कि जैसे ही पिता को गोली लगी तो उन्होंने मदद के लिए आसपास के लोगों से गुहार लगाई. उन्होंने डायल 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर तो पहुंची लेकिन उनकी सहायता नहीं की.
मदद के बजाय दे डाली सलाह
डायल 112 नंबर पर तैनात कर्मचारियों ने चिराग से कहा कि वह अपने पिता को थ्री व्हीलर से पानीपत अस्पताल ले जाए.बदकिस्मती ने पीछा नहीं छोड़ा और कुछ दूर चलने के बाद थ्री व्हीलर में सीएनजी खत्म हो गई. ऑटो में सीएनजी डलवाने के लिए 5 से 10 मिनट लग गए. इसके बाद जब अस्पताल पहुंचे तब तक पिता की मौत हो चुकी थी.