चढूनी ने तरेरी आंखें, बोले-किसान आंदोलन को कमजोर न समझे सरकार
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चढूनी ने तरेरी आंखें, बोले-किसान आंदोलन को कमजोर न समझे सरकार

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, हमें 10 साल भी आंदोलन करना पड़ेगा तो हम करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे ट्रैक्टर भी वही हैं और हम भी वही हैं. हम दिल्ली की ओर कूच कर सकते हैं.

 

पानीपत किसान महापंचायत में राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी समेत कई किसान नेता मंच पर मौजूद रहे.

कमरजीत सिंह विर्क/ पानीपत : भारत बंद से एक दिन पहले आज पानीपत (Panipat) में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) का आयोजन किया गया. इस पंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) , गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni), जगजीत सिंह डलेवाल (Jagjeet Singh) के अलावा संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से कई बड़े नेता पहुंचे. 

हमारे ट्रैक्टर भी वही और हम भी

राकेश टिकैत ने कहा कि अब तक करीब 700 किसान आंदोलन में शहीद हो चुके हैं, लेकिन यह सरकार हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. महापंचायत में मौजूद किसानों में जोश भरते हुए टिकैत ने कहा कि अगर हमें 10 साल भी आंदोलन करना पड़ेगा तो हम करेंगे. हमारे ट्रैक्टर भी वही हैं और हम भी वही हैं. हम दिल्ली की ओर कूच कर सकते हैं.

जब उनसे पूछा गया कि इस महापंचायत का क्या मतलब निकाला जाए तो उनका यही कहना था कि यह कड़ा फैसला ही तो है कि महापंचायत में हजारों किसान पहुंच रहे हैं. कल भारत बंद होगा, सभी लोग इस बंद में हिस्सा लेंगे. हर जगह पर यह बंद होगा. इसी के साथ हम तो लोगों से यही कहेंगे कि वह कल घर से भी न निकलें. 

अपने ट्रैक्टर तैयार रखें

राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सरकार ने दिल्ली में 10 साल पुराने ट्रैक्टर बंद कर दिए हैं, इसलिए हमें दोबारा दिल्ली जाना पड़ेगा और ट्रैक्टर भी लगाने पड़ेंगे और सभी अपने ट्रैक्टर तैयार रखें. किसी भी समय इसकी कॉल आ सकती है.

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सरकार बात सुनने को तैयार नहीं 

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने मंच से कहा कि सरकार हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. आने वाले दिन में हमें वोट की चोट से सरकार को हराना होगा.

उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा को कुछ कड़े फैसले लेने चाहिए. चढूनी ने कहा कि अगर सरकार ने हमारी बातें नहीं मानीं तो आने वाले दिनों में हम प्रधानमंत्री के आवास के बाहर टेंट लगा देंगे. उन्होंने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को कमजोर न समझे. सरकार का कोई भी नुमाइंदा गांव में नहीं घुस सकता. हमारे 700 साथी शहीद हो चुके हैं. हम कमजोर नहीं हैं.

अगर सरकार ने यह तीनों कृषि कानून नहीं बदले तो यह आक्रोश और बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि अभी यह एक पानीपत की पंचायत है. अगर देश और प्रदेश भर के लोग ऐसे ही चल पड़े तो तो क्या होगा. महापंचायत में चढूनी ने किसानों से कहा कि चाहे पंजाब हो, उत्तर प्रदेश हो या उत्तराखंड हो, हमें अब बात न सुनने वाले नेताओं को वोट की चोट देनी होगी. 

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