पानीपत नेशनल हाईवे 44 टोल शुरू, जिन वाहनों पर नहीं होगा FASTag उनसे वसूला जाएगा डबल चार्ज
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पानीपत नेशनल हाईवे 44 टोल शुरू, जिन वाहनों पर नहीं होगा FASTag उनसे वसूला जाएगा डबल चार्ज

किसान आंदोलन की शुरुआत 25 दिसंबर, 2020 से शुरू हुई. तब से नेशनल हाईवे व डहार टोल को किसानों ने बंद कर दिया था.

पानीपत नेशनल हाईवे 44 टोल शुरू, जिन वाहनों पर नहीं होगा FASTag उनसे वसूला जाएगा डबल चार्ज

राकेश भयाना/पानीपत: किसान आंदोलन की शुरुआत 25 दिसंबर, 2020 से शुरू हुई. तब से नेशनल हाईवे व डहार टोल को किसानों ने बंद कर दिया था. अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून वापस लिए और किसानों ने अपने घर वापसी की, जिसके चलते पानीपत नेशनल हाईवे 44 टोल आखिरकार लगभग 1 साल के बाद शुरू हुआ.

इस टोल से हजारों की तादाद में वाहन पंजाब व जम्मू कश्मीर को जाते है. अब इस टोल से गुजरने वाले हजारों की तादाद में वाहनों की टोल वसूली की जा रही है. पहले दिन टोल पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारे देखने को मिली. टोल कर्मचारी मंजीत संधू ने बातचीत करते हुए कहा कि लगभग 30 मिनट पहले टोल शुरू किया गया है.

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उन्होंने कहा कि टोल पुरानी ही दर ओ पी लिया जा रहा है अभी टोल पर कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. वहीं जिन वाहनों पर फास्टेक नहीं लगा उनसे डबल चार्ज लिया जा रहा है. इसी के साथ वाहन चालकों ने कहा कि टोल देश के लिए बहुत जरूरी है और वह शुरू भी होना चाहिए. लेकिन, जिन वाहनों पर फास्‍टैग नहीं लगा है उन्हें डबल टोल देना पड़ेगा.

बता दें कि 2018 में रोजाना का कलेक्शन 24.84 लाखों रुपए का था. इस हिसाब से पानीपत टोल को 11 महीने में 82.50 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इसी तरह से पानीपत रोहतक डाहर टोल का रोज का कलेक्शन 20 लाख रुपए बताया जा रहा है तो इस हिसाब से 11 महीने में 66 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

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RTI से मिली जानकारी के अनुसार एलएनटी कंपनी की जीटी रोड पर टोल की कुल लागत ₹421 करोड़ों के आई है. पानीपत टोल से कंपनी ने फरवरी 2021 तक 669 करोड़ रुपए की वसूल हो चुकी है. उन्होंने बताया कि कंपनी अपनी लागत के अनुसार कई करोड़ों की वसूली हो चुकी है. RTI में खुलासा हुआ था कि 23 जनवरी, 2006 में कंपनी का 20 साल के लिये टोल वसूली का समझौता हुआ था. समझौते के अनुसार 2026 तक टोल वसूली जारी रहेगी.

जबकि, डाहर टोल प्लाजा की कुल लागत 807 करोड़ रुपए आई है. कंपनी 17 अप्रैल, 2036 तक टोल वसूली जारी रखेगी. L&T कंपनी के मैनेजर योगेश शुक्ला ने फोन पर बताया कि फ्लाईओवर कॉरिडोर का कार्य 2006 में शुरू हुआ था और दिसंबर 2008 में टोल लेने की शुरुआत हुई थी. कंपनी को हर रोज लगभग 25  लाख का नुकसान हो रहा है.

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उन्होंने बताया कि इसके लिए N H A I से क्लेम करेंगे. उन्होंने कहा कि या तो NHAI इस घाटे की भरपाई करें या फिर टोल वसूली का समय बढ़ाया जाएगा. जीटी रोड टोल प्लाजा के अधिकारी जहां 25 लाख रुपए रोजाना कमाई करने का दावा कर रहे है. तो वहीं, डाहर टोल प्लाजा को हर रोज 20 लाख रुपये का नुकसान का अनुमान है.

दोनों हाईवे निर्माण में कुल 1228.50 करोड़ की लागत आई है, जिसमे रोहतक हाईवे पर 807 करोड़ और जीटी रोड फ्लाईओवर कॉरिडोर पर 421.50 लाख की लागत आई है. बहरहाल, टोल शुरू होने से कंपनी को जहां पहले करोड़ों का नुकसान हो रहा था. अब टोल कंपनी के नुकसान की भरपाई हो पाएगी, लेकिन 1 साल के घाटे को कंपनियां कैसे पूरा करेंगी यह तो आने वाले कुछ दिनों में ही पता चल पाएगा.

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