डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को रंजीत सिंह मर्डर केस में आजीवन कारावास!
Advertisement

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को रंजीत सिंह मर्डर केस में आजीवन कारावास!

पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआइ अदालत ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या के दोषी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को उम्रकैद कैद की सजा सुनाई है. 

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को रंजीत सिंह मर्डर केस में आजीवन कारावास!

नितिका महेश्वरी/पंचकूला: पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआइ अदालत ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या के दोषी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को उम्रकैद कैद की सजा सुनाई है. साथ ही कृष्ण लाल, अवतार, जसबीर और सबदिल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. तो वहीं, एक आरोपित इंद्रसेन की ट्रायल के दौरान 8 अक्टूबर, 2020 को मौत हो गई थी.

8 अक्टूबर को जसबीर सिंह, सबदिल सिंह और कृष्ण लाल को धारा 302 के साथ 120-बी के तहत दोषी ठहराया गया था. बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह, अवतार सिंह, जसबीर सिंह, सबदिल सिंह और कृष्ण लाल को धारा 120बी, 302 एवं 506 के साथ पठित धारा के तहत दोषी ठहराया गया था. सबदिल सिंह को आम्र्स एक्ट 1959 की धारा 27 के तहत अपराध के तहत दोषी करार दिया गया था, जबकि आरोपित जसबीर सिंह पर आम्र्स एक्ट 1959 की धारा 25/27 को हटा दिया गया था.

लेकिन, 19 साल बाद इस मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश डा. सुशील कुमार गर्ग द्वारा 12 अक्टूबर को सजा सुनाई जानी थी, लेकिन सजा पर सुनवाई पूरी ना होने के कारण मामले को 18 अक्टूबर के लिए टाल दिया गया था.  गुरमीत राम रहिम साध्वी यौन शोषण में 20 साल की सजा और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या केस में उम्रकैद की सजा सुनारिया जेल रोहतक में काट रहा है.

इस मामले में तीन गवाह महत्वपूर्ण थे। इनमें दो चश्मदीद सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह हैं, जिन्होंने आरोपितों को रंजीत सिंह पर गोली चलाते हुए देखा था. तीसरा गवाह गुरमीत का ड्राइवर खट्टा सिंह था, जिसके सामने गुरमीत राम रहिम सिंह ने रंजीत सिंह को मारने के लिए कहा गया था और साजिश रची थी.

जानें, क्या है मामला

आपको बता दें कि 10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रंजीत की हत्या हुई थी. सीबीआई के आरोप पत्र के अनुसार डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहिम को डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधक रंजीत सिंह पर शक था कि उन्होंने डेरा के अंदर महिला अनुयायियों (साध्वियों) के यौन शोषण करने का आरोप लगाते हुए एक गुमनाम पत्र बंटवाया है.  यह वही पत्र था, जिसे सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने समाचार रिपोर्ट में उजागर किया था.

बाद में पत्रकार छत्रपति की भी हत्या कर दी गई थी. 10 जुलाई को रंजीत सिंह अपने खानपुर कोलियां में अपने पिता को खेतों में चाय देकर लौट रहे थे, तो आरोपितों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद आरोपित सबदिल और जसबीर की शिनाख्त हो गई थी. पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी और 10 नवंबर, 2003 को हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. 31 जुलाई, 2007 को साध्वी यौन शोषण, रंजीत सिंह हत्या और रामचंद्र छत्रपति हत्या केस में सीबीआइ कोर्ट में चालान पेश हो गए थे.

WATCH LIVE TV

Trending news