हिमाचल में कभी भी आ सकता है तेज़ भूकंप, इस पर वैज्ञानिकों का दावा क्या है जानिये
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हिमाचल में कभी भी आ सकता है तेज़ भूकंप, इस पर वैज्ञानिकों का दावा क्या है जानिये

 हाल में एक स्टडी और थ्योरी के मुताबिक वैज्ञानिक डॉक्टर एसएस रंधावा ने दावा किया है कि सौ साल से ज्यादा बीत चुके हैं और वेसा ही भूकंप फिर से आ सकता है। 

भू-वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि सौ साल से ज्यादा बीत चुके हैं और वेसा ही भूकंप फिर से आ सकता है

साल 1905 में वर्तमान हिमाचल के कांगड़ा में आये जोरदार भूकंप को कई भूल नहीं सकता, हालांकि उसके प्रत्यक्षदर्शी कम ही बचे हैं। हाल में एक स्टडी और थ्योरी के मुताबिक वैज्ञानिक डॉक्टर एसएस रंधावा ने दावा किया है कि सौ साल से ज्यादा बीत चुके हैं और वेसा ही भूकंप फिर से आ सकता है। भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप के बारे में कोई भविश्यवाणी नहीं की जा सकती है। लेकिन एक थ्योरी के मुताबिक भूकंप सौ साल में लौटकर फिर आता है। ऐसे में कांगड़ा वाली स्थिती फिर से बन सकती है।

'भूकंप से डरने की नहीं बचाव की ज़रूरत'

डॉक्टर एसएस रंधावा से बात करने पर उन्होंने बताया कि उस वक्त की परिस्थियों और आज की परिस्थियों में काफी अंतर है, इसलिये डरने की बजाए बचाव के कदम उठाने होंगे। जिसके लिए हिमाचल सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। घर बनाने वाले राज मिस्त्रियों को ट्रेनिंग दी जा रही है कि वह कैसे भूकंप रोधी मकानों का निर्माण करें और उसके प्रभीव को कम कर सकें 2020 से ही इस योजना पर काम चल रहा है और ट्रेनिंग जारी है। जो घर पहले से बने हुए हैं उन लोगों को बचाव के लिए अपने घरों इस्तेमल की गई स्थानांतरित होने वाली वस्तुयों को फिक्स करना होगा। जिसके कई तरीके हैं।

ज़ोन चार और ज़ोन पांच क्या है और इसमें अंतर क्या है

हिमाचल के जिलों को कई ज़ोन्स में बांटा गया है, जिसमें ज़ोन चार में शिमला सिरमौर आते हैं, और ज़ोन पांच में कांगड़ा, मंडी बिलासपुर आते हैं। ज़ोन चार और पांच में भूकंप से होने वाले नुकसान में थोड़ा फर्क होता है। इन्हें भूकंप से से होने वाले नुकसान के आधार पर वर्गी कृत किया गया है।

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