हिमाचल प्रदेश के ऐसे मंदिर की जहां भक्तों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर सिगरेट अर्पित की जाती है. यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के अर्की में हैं. इस मंदिर को लुटरू महादेव के नाम से जाना जाता है.
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चंडीगढ़- देवभूमि हिमाचल भगवान शिव का ससुराल माना जाता है. आप लोगों ने आज तक शिवलिंग पर फूल, बेलपत्र और दूध चढ़ते हुए जरूर सुना होगा, लेकिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर सिगरेट भी चढ़ाई जाती हैं.
हिमाचल प्रदेश के ऐसे मंदिर की जहां भक्तों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर सिगरेट अर्पित की जाती है. यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के अर्की में हैं. इस मंदिर को लुटरू महादेव के नाम से जाना जाता है.
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर एक विशाल गुफा के भीतर बना हुआ है. लुटरू महादेव मंदिर में सदियों से शिवलिंग को सिगरेट चढ़ाई जा रही है. कहा ये भी जाता है कि सिगरेट अपने आप सुलगने लगती हैं. लोग इसे महादेव का चमत्कार मानते हैं, तो कुछ लोग इसे विज्ञान की कसौटी पर परखने की कोशिश करते हैं.
क्या है मंदिर को लेकर मान्यता?
ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को अगर सिगरेट ना चढ़ाई जाए तो वह नाराज हो जाते हैं और इलाके में अनहोनी घटनाएं होना शुरू हो जाती हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सतयुग में अगस्त्य मुनि ने अर्की में तपस्या की थी. अगस्त्य मुनि के आग्रह पर ही भगवान शिव यहां शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे
आमतौर पर शिवलिंग की सतह पतली होती है, मगर इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग में काफी गड्ढे बने हैं. लोग इन गड्ढो में सिगरेट फंसा देते हैं. माना जाता है कि कुछ ही देर में सिगरेट खुद ब खुद ऐसे सुलगने लगती है, मानो कोई कश ले रहा हो.
मंदिर से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि अनादिकाल में जब शिव पार्वती विवाह हुआ, तो सभी देवता शादी में शामिल होने के लिए कैलाश की ओर चल पड़े। सभी देवताओं के एक तरफ आने से धरती का संतुलन बिगड़ने लगा, ऐसे में भगवान शिव ने लुटरू महादेव की गुफा में तपस्या कर रहे अगस्तय ऋषि को आदेश दिया कि वह दक्षिण की ओर चले जाएं ताकि धरती का संतुलन बना रहे.