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अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ ने प्रदेश सरकार द्वारा उनकी वेतनविसंगतियों की मांगों की तरफ ध्यान न दिए जाने पर रोष प्रकट किया है तथा प्रदेश सरकार से पंजाब वेतनमान को अक्षरशः लागू करने की मांग की है. मांगे न माने जाने पर प्रदेश के चिकित्सक संयुक्त मोर्चे के वैनर तले शीघ्र ही बड़ा आंदोलन करने की धमकी दी है.
चिकित्सकों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पूर्ण राज्यत्व दिवस पर सभी वर्गों का का ख्याल रखा. लेकिन, प्रदेश के चिकित्सकों की मांग को अनेदखा कर दिया. प्रदेश चिकित्सक संघ के महासचिव पुष्पेंद्र वर्मा ने आज हमीरपुर में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि प्रदेश के सभी चिकित्सकों जिसमें दूसरी पैथी के चिकित्सक भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि ये उनकी संयुक्त संघर्ष समिति ने और खुद हर एक चिकित्सक संघ ने अलग से सबसे पहले इस वेतन आयोग में चिकित्सकों के वेतन भत्तों के साथ हुई. नाइंसाफी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री को रिप्रजेंट किया था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि संघ की मांगों पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही विसंगतियों को दूर करेंगे.
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उन्होंने आगे कहा कि लेकिन, आज तक उसपर कुछ नहीं हुआ. वर्मा ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री घोषणा कर रहे हैं कि पंजाब के वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करेंगे, लेकिन दूसरी तरफ कोई भी अधिसूचना चिकित्सकों के वेतनमान को लेकर नहीं की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अनुबंध पर लगे चिकित्सकों और नए लगने वाले अनुबंध पर चिकित्सकों के हितों पर जबरदस्त कुठाराघात किया गया है.
उन्होंने कहा कि उनका जो वेतनमान का एंट्री लेवल है उसको 60 प्रतिशत कर दिया गया है और साथ में उनके नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस पर भी कैंची चला दी गई है. वर्मा ने कहा कि यह कतई भी सहन नहीं किया जाएगा. हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ के महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने सरकार से पंजाव वेतनमान को अक्षरशः लागु करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि एक दो दिनों के भीतर प्रदेश चिकित्सक संयुक्त मोर्चे की बैठक हो जाएगी तथा उसमें रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस बार चिकित्सक केवल काले बिल्ले लगाकर नहीं बैठेगें तथा बडा आंदोलन करने के लिए तैयार है.
जानें, क्या हैं डॉक्टरों की मांगेः-
1. बेसिक प्लस एनपीए की अचिकतम सीमा पंजाब की तजष पर किकित्सकों के लिए 237600 की जाए और नॉन प्रैक्टिसिंग भत्ते (NPA) को 25 % ही रखा जाए.
2. टाइम स्केल 4-9-14 को लागू रखा जाए. इसके इलावा मेडिकल कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर (Associate Professor) और प्रोफेसर (Professor) के पदों पर सीधी भर्ती पर रोक लगायी जाए और यह पद प्रदेश में कार्यरत्त साहयक प्रोफेसर (Assistant professor) की पदोन्नती के आधार पर ही भरे जाएं.
3. पी जी अलाउंस (PG Allowance) 7000 से बढ़ाकर 20000 किया जाए एवं अन्य भत्तों को महंगाई दर से जोड़कर समय-समय पर बढ़ाया जाए.
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