घुमक्कड़ परिंदे: ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के बाद जानें कब और कैसे बन गई ग्रेट वॉल ऑफ शिमला? जानें
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घुमक्कड़ परिंदे: ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के बाद जानें कब और कैसे बन गई ग्रेट वॉल ऑफ शिमला? जानें

हिमाचल प्रदेश के तमाम पर्यटक स्थलों में सालाना लगभग 1.75  करोड़ लाख देसी-विदेशी सैलानी आते हैं. नदियों, झीलों, बर्फ से ढके पहाड़ों और घने जंगलों से सराबोर हिमाचल की वादियां पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं.

The Great Wall of Shimla

संदीप सिंह/शिमला : हिमाचल प्रदेश के तमाम पर्यटक स्थलों में सालाना लगभग 1.75  करोड़ लाख देसी-विदेशी सैलानी आते हैं. नदियों, झीलों, बर्फ से ढके पहाड़ों और घने जंगलों से सराबोर हिमाचल की वादियां पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. एक ओर प्रदेश में बढ़ते सैलानियों के हुजूम से प्रदेश में रोजगार बढ़ रहा है तो वहीं कूड़ा करकट के बढ़ते ढेर परेशानी का सबब भी बन रहे हैं. 

आपने ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के बारे में तो पढ़ा और सुना भी होगा, लेकिन वेल्थ फ्रॉम वेस्ट (Wealth From Waste) के संदेश के साथ बनी ग्रीन वॉल ऑफ शिमला इन दिनों THE GREAT WALL OF SHIMLA के नाम से प्रसिद्ध हो रही है. अगर आप शिमला घूमने आ रहे हैं तो इस दीवार के सामने एक सेल्फी तो बनती ही है. 

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प्रदेश की राजधानी शिमला में हर उम्र के लोगों के बीच यह दीवार पर्यावरण संरक्षण का संदेश बांट रही है. जब पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन पर मंथन कर रहा है, ऐसे समय में पर्यावरण प्रदूषण के बढ़ते खतरे और बदलते तापमान से निपटने के लिए पहाड़ों की रानी का यह छोटा सा कदम जागरूकता का महत्वपूर्ण संदेश देते हुए अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन रहा है.

5 लाख वेस्ट बोतलों के ढक्कनों से बनी 

शिमला शहर के समीप हाईवे के साथ लगे एक निजी होटल ने प्लास्टिक वेस्ट से खूबसूरत दीवार बनाई है. अचानक पहली बार देखने पर किसी को पता ही नहीं चलता कि इतनी लंबी चौड़ी दीवार प्लास्टिक की बोतलों के ढक्कनों से बनी है. 275 फीट लंबी और 15 फीट ऊंची दीवार को बनाने में 5 लाख वेस्ट बोतलों के ढक्कनों का इस्तेमाल किया गया है. इसे बनाने में पूरे पांच महीनों की कड़ी मेहनत लगी.

होटल के स्टाफ, वहां प्रशिक्षण ले रहे बच्चों की मेहनत का नतीजा है यह THE GREAT WALL OF SHIMLA.. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने इस वॉल का अनावरण किया था. बोतलों के ढक्कनों से कारीगरों ने दीवार पर कई चित्र उकेरे हैं. अब शिमला आ रहे सैलानी बरबस ही दीवार देख वहां ठहरते हैं और अपनों के साथ सेल्फी लेकर उस अद्भुत दृश्य को कैमरों में हमेशा के लिए कैद कर लेते हैं. 

 

 

 

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