Navratri: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की ऐसे करें उपासना, शुक्र का प्रभाव होगा कम
Navratri 2022 day 3 Maa Chandraghanta: मां चंद्रघंटा शुक्र को नियंत्रित करती हैं. आज के दिन देवी की पूजा के काफी महत्व होता है. इनके नाम का विशेष अर्थ है. चंद्र मतलब चंद्रमा और घंटा मतलब घंटा के समान. माता के माथे पर चमकते हुए चंद्रमा की वजह से ही उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा.
Navratri 2022 Day 3 maa Chandraghana: 26 सितंबर 2022 से नवरात्रि शुरू हो चुका है. पूरे देश में हर तरफ मां अंबे की पूजा हो रही है. जगह-जगह पंडाल सजाकर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की गई. नवरात्रि के दौरान पूरा देश शक्ति की उपासना में लगा हुआ. आज नवरात्रि का दूसरे दिन है. इस दिन मां के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघण्टा की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दौरान भक्त 9 दिन तक पूरे विधि-विधान के साथ माता रानी की साधना करते हैं. माना जाता है कि मां की सच्चे मन से पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
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मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा शुक्र को नियंत्रित करती हैं. आज के दिन देवी की पूजा के काफी महत्व होता है. इनके नाम का विशेष अर्थ है. चंद्र मतलब चंद्रमा और घंटा मतलब घंटा के समान. माता के माथे पर चमकते हुए चंद्रमा की वजह से ही उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा. मां का यह स्वरूप भक्तों में साहस और वीरता को भरता है.
मां चंद्रघंटा पार्वती का एक रौद्र रूप हैं, लेकिन उनका यह रूप तभी दिखता है जब वो गुस्से में होती हैं. अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए मां ने अपने हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा हुआ है. मां को राक्षसों की वध करने वाली मां कहा गया है.
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या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
पूजा विधि
मां चंद्रघंटा सफेद कमल और पीले रंग पसंद है. ऐसे में आपको मां को इस रंग के फूलों को अर्पित करना चाहिए. मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. मां चंद्रघंटा की पूजा करने से शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव भी कम होते हैं. मां की अराधना से व्यक्ति में वीरता का संचार होता है और शत्रु पर विजय मिलती है.
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