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राजन शर्मा/शिमलाः हिमाचल प्रदेश में मंगलवार यानी आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में शिक्षा विभाग में ड्राइंग शिक्षकों के 820 पदों और शारीरिक शिक्षा अध्यापकों के 870 पदों सहित शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के 4000 पदों को भरने का निर्णय लिया गया है. विद्यार्थियों को उनके घर के निकट गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन 4000 पदों में से 2640 पद प्रारंभिक शिक्षा और 1360 पद उच्चतर शिक्षा विभाग में अनुबंध आधार पर भरे जाएंगे.
बैठक में फैसला किया गया कि शिक्षकों के विभिन्न पद बैच आधार पर शीघ्रता से भरे जाएंगे. मंत्रिमण्डल ने शहरी विकास विभाग द्वारा विश्व बैंक और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के साथ नेगोशिएशन पैकेज के प्रारूप को मंजूरी दी, ताकि ग्रेटर शिमला क्षेत्र में जल आपूर्ति योजना सेवाओं में सुधार के लिए शिमला जलापूर्ति एवं सीवरेज सेवा वितरण कार्यक्रम के वित्तपोषण के लिए विश्व बैंक के माध्यम से 250 मिलियन डॉलर (1813 करोड़ रुपये) का वित्त पोषण किया जा सके.
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कुल मिलाकर 250 मिलियन डॉलर में से विश्व बैंक 160 मिलियन डॉलर (1160.32 करोड़ रुपये) की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा और शेष राशि 90 मिलियन डॉलर (652.68 करोड़ रुपये) का वहन हिमाचल सरकार द्वारा किया जाएगा. बैठक में प्रधान सचिव, शहरी विकास विभाग को विश्व बैंक के साथ समझौता पैकेज को अंतिम रूप प्रदान करने और हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत किया गया.
जल आपूर्ति और मल निकासी परियोजना के मुख्य उद्देश्य
शिमला जल आपूर्ति और मल निकासी परियोजना के मुख्य उद्देश्य साल 2050 तक पानी की मांग को पूरा करने के लिए सतलुज नदी से अतिरिक्त 67 एमएलडी के साथ शिमला जल आपूर्ति में संवर्द्धन, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण कुफरी, शोघी, घणाहट्टी और अतिरिक्त योजना क्षेत्र के लिए 2050 तक शिमला नगर निगम क्षेत्र में सभी घरेलू और व्यवसायी उपभोक्ताओं के लिए सप्ताह भर 24 घंटे जलापूर्ति और शिमला नगर निगम क्षेत्र में बेहतर मलनिकासी सेवाएं प्रदान करना है.
इसी के साथ इस परियोजना में शिमला जिले की सुन्नी तहसील के शकरोड़ी गांव के पास सतलुज नदी से पानी उठाने की योजना बनाई गई है, जिसमें संजौली में 1.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक उठाने और 22 कि.मी की पाइप बिछाने से 67 एमएलडी पानी की वृद्धि शामिल है. इस परियोजना के अन्तर्गत नगर निगम शिमला में वितरण पाइप नेटवर्क को सप्ताह भर 24 घंटे जलापूर्ति प्रणाली में स्तरोनन्त करने का भी प्रावधान है.
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इसके अतिरिक्त, शिमला के मैहली, पंथाघाटी, टूटू और मशोबरा क्षेत्रों में मलनिकासी प्रणाली प्रदान की जाएगी. यह राज्य के लिए एक प्रमुख परियोजना होगी, जो शिमला में बेहतर जलापूर्ति और मलनिकासी प्रणाली प्रदान करने का प्रयास करेगी और वर्ष 2050 तक शहर की आवश्यकताओं को पूरा करेगी. हिमाचल प्रदेश सरकार का शहरी विकास विभाग कोविड-19 के कारण उत्पन्न वित्तीय बाधाओं के बावजूद विश्व बैंक और वित्त मंत्रालय से इस निधि को प्राप्त करेगा.
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बैठक के दौरान राज्य में कोविड-19 की स्थिति और संभावित तीसरी कोरोना लहर से प्रभावी ढंग से निपटने की तैयारियों पर भी प्रस्तुति दी गई. सरकार ने सभी स्कूलों को 4 सिंतबर तक बंद रखने का फैसला लिया है. फिलहाल, सरकार ने 30 अगस्त तक विद्यार्थियों को बुलाने पर भी रोक लगा हुई है. इसी के साख शिक्षकों और गैर शिक्षकों को स्कूलों में आकर ही ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के निर्देश दिए गए हैं. तो वहीं, कॉलेजों में 1 सितंबर से नियमित कक्षाएं लगेंगी. कैबिनेट ने ये बड़ा फैसला लेते हुए शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के चार हजार पदों को भरने की मंजूरी दी है.
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