गृहमंत्री अनिल विज और डीजीपी का टकराव फिर आया सामने...विज ने डीजीपी के एक्सटेंशन पर उठाए सवाल
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गृहमंत्री अनिल विज और डीजीपी का टकराव फिर आया सामने...विज ने डीजीपी के एक्सटेंशन पर उठाए सवाल

हरियाणा प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री बेबाक तरीके से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। फिर चाहे सरकार का ही फैसला क्यों न हो ताज़ा मामले में हरियाणा के डीजीपी मनोज कुमार यादव को दिये गए एक्सटेंशन का है जिसका गृह मंत्री अनिल विज ने विरोध किया है।

गृहमंत्री अनिल विज और डीजीपी का टकराव फिर आया सामने...विज ने डीजीपी के एक्सटेंशन पर उठाए सवाल

चंडीगढ़: हरियाणा प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री बेबाक तरीके से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। फिर चाहे सरकार का ही फैसला क्यों न हो ताज़ा मामले में हरियाणा के डीजीपी मनोज कुमार यादव को दिये गए एक्सटेंशन का है जिसका गृह मंत्री अनिल विज ने विरोध किया है।

गृह सचिव को लिखी चिठ्ठी नये नाम भेजने को कहा
गृह मंत्री ने गृह सचिव को लिखे पत्र में 18 फरवरी 2019 के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि डीजीपी के पद पर मनोज यादव की नियुक्ति दो साल के लिए होगी। तब मनोज यादव ने 21 फरवरी 2019 को कार्यभार ग्रहण किया था। मनोज यादव केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए हुए थे। उन्होंने हरियाणा लौटने के बाद डीजीपी के पद की कमान संभाली थी। अनिल विज ने अपने पत्र में कहा कि सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के मुताबिक मनोज यादव का डीजीपी के पद पर दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, इसलिए अब उन्हें इसी पद पर आगे विस्तार देने का कोई औचित्य नहीं है। ऐसे में सात आईपीएस के नामों का एक पैनल बनाकर भेजने के आदेश दिये हैं।

सरकार ने पुलिस महानिदेशक को दिया है एक्सटेंशन
हरियाणा डीजीपी मनोज यादव 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। इस पद पर उनका दो साल का कार्यकाल 21 फरवरी को पूरा हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट के नर्देशों के हिसाब से कोई आइपीएस अधिकारी डीजीपी पद पर कम से कम दो साल रह सकता है। इससे ज्यादा समय के लिए नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार के पास है, इसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए हरियाणा सरकार ने डीजीपी का कार्यकार आगले आदेश आने तक बढ़ा दिया है। इसके लिए गृह सचिव राजीव अरोड़ा ने आदेश जारी किया था।

सीआईडी विवाद के दौरान भी दिखा था विरोध
हरियाणा में सीआईडी गृह मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री के अधीन किये जाने का मामला जब सामने आया था उस दौरान भी अनिल विज ने सवाल उठाया था कहा था कि सीआईडी वविभाग के लिए हो रही भागम भाग के पीछे उन्हें मंशा कुछ और लग रही है. हालांकि अनिल विज ने कहा था कि वो पहले ही कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री सर्वेसर्वा हैं और उन्हें किसी तरह की तैयारी करने की भी जरूरत नहीं है। उस दौरान भी डीजीपी मनोद यादव का कोई सपोर्ट उन्हें नहीं मिला था।

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